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देवी-शक्ति-स्वरूप
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९ ईश्वरी शिवलिंग अभय गणेश कमंडल १७ जंधा कमल माला दर्पण फल वाहन गोधासन
वाहन हस्ति १० मनेश्वरी
कमल गणेश अभय १८ वैलोक्यविजया अंकुश वरद पाश अभय वाहन सिंह
वाहन सिंह ११ उमापति देवी
अभय गणेश कमल १९ कामेश्वरी कमल माला पुस्तक अभय वाहन सिंह
कमल प्रासन १२ वीणा , कमल गणेश शिबलिंग २० कमल
रक्तषेत्रा खड्ग अभय सर्प फल ___ वाहन सिंह
कमल प्रासन १३ हस्तिनी
गणेश कमंडल २१ चंडी मुंड खड्ग घंटिका धनुष वाहन गोधासन
बाण पाश अंकुश ढाल १४ त्रिनेत्रा शिवलिंग माला गणेश कमंडल २२ जंमिनी भयंकर स्वरूप धारण करनेवाली __ वाहन सिंह
स्वरूप बोखला जैसा बारह या पंच १५ रमणा
माला गणेश पुस्तक २३ ज्वालाप्रभा चक्षु वाली महातेजस्वी शब वाहिनी वाहन हंस
नील कमल वर्ण की सिंहचर्म धारण १६ कूलकथा कमल कमल पुस्तक कमंडल
करती सर्प के आभूषण वाली। __ कमलासन उपरोक्त चौबीस देवियों में १ सौभाग्य, २ रक्तनेना, ३ चंडी, ४ जंभिनी, ५ ज्वालाप्रभा, ६ भैरवी यह छः देवी का स्वरूप उग्र तामस है बाकी की राजस सात्विक स्वरूप की देवियाँ है।
द्वादश गौरी स्वरूप
(अपराजित सूत्र रूपमंडन और जयोक्त देवता मूर्ति प्रकरणम्) ये सभी (१२) उमा स्वरूप हैं । पार्वती के दोनों ओर अग्निकुंड और कृष्ण के पंचकुंड बनाने चाहिए। रंभा का वाहन हाथी है। सावित्री के चार मुख, शेष सभी एक मुख और तीन नेत्र वाली हैं। क्रम नाम दायें हाथ में बायें हाथ में
दायें हाथ में बायें हाथ में
___ क्रम नाम नीचे उपर नीचे उपर
नीचे उपर नीचे उपर १ उमा माला कमल दर्पण कमंडल ७ हीमवती पद्य दर्पण अभय - २ पार्वती माला शिवलिंग गणेश कमंडल ८ रंभा कमंडल माला वच अंकुश दोन पक्ष में अग्निकुंड
हस्ति वाहन ३ गौरी माला अभय कमल कमंडल ९ सावित्री माला पुस्तक कमल कमंडल ४ ललिता माला वीणा दर्पण कमंडल १० त्रिखंडा माला वज्र शक्ति कमंडल
श्रिया माला अभय वरद कमंडल ११ तोतला शूल माला दंड श्वेतचामर कृष्ण माला - पुस्तक कमंडल १२ त्रिपुरा पाश अंकुश अभय वरद
अथ गौर्याःप्रवक्ष्यापि प्रमाणं मूर्तिलक्षणम् । चतुर्भूजा त्रिनेत्रा च सर्वाभरणभूषिता ॥१॥ गोधासनोपरिस्थिता च कर्तव्या सर्वकामदा। ॥इति गौरीमूर्ति सामाव्यलक्षणम् । उमा च पार्वती गौरी ललिता च श्रिया तया ॥२॥ कृष्णा च हिमवंती च रंभा च सावित्री तथा । विखंडा तोतला चैव त्रिपुरा द्वादशोदिताः॥३॥ इति गौरीनामानि । प्रक्षसनं च कमलं वर्पणं च कमंडलुः। उमा नाम्ना भवेन्मूर्तिः पूजिता विदशरपि ॥६॥ इत्युमा ॥१॥
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