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अङ्ग : अष्टादशम्
महेश-शिव-रुद्र
शिव या रुद्र के अनेक नाम हैं। ये नाम विविध कथानक से आये हैं। संहिताओं और उपनिषदों में ये आख्यायिकाएँ दी गई हैं और उन्हीं के आधार पर उनका नामाभिधान किया गया है । वेदों में भी उनके स्वरूप का वर्णन है।
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उमा
पार्वती
शिव-योगासन पृथ्वी,अंतरिक्ष और द्यौ ये तीन जिनकी माताएँ हैं, वे न्यबक कहे गये । अथर्व वेद में भव, शर्वा, पशुपति, उग्र, रुद्र, महादेव, भीम और ईशान ये आठ नाम शिव के बताये गये हैं। पुष्पराज गंधर्व के महिम्न स्तोत्र में भी यही आठ नाम दिये गये है। उसमें ईशान को ईशान कोण के दिग्पाल के रूप में भी लिया गया है। यो तो शिवजी के हजारों नाम हैं, लेकिन अमर कोश में ४८ नाम दिये गये हैं।
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