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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लगान। tish have in the end lost much revenue. + + + But if there has been a loss in money there has been an incalculable gain politically. The foundation of all Government settlement of Bengal has bound the people in loyal devotion to the British Government." ___ अर्थात्-“देशी कृषकोंके लिए दवामी बन्दोबस्त हो जाने पर ब्रिटिश गवर्नमेंटको अन्तमें लगानका बड़ा नुकसान हुआ। लेकिन यदि रुपयोंकी हानि हुई तो राजनैतिक लाभ अपरिमित हुआ। सरकारकी सारी नींव प्रजाकी इच्छा पर निर्भर होती है और बंगालके स्थायी बन्दोबस्तसे बंगाली ब्रिटिश सरकारकी राजभक्ति में बँध गये।" इसमें विशेष बात यही है कि राज्यशासनकी नींव प्रजाकी प्रसनता पर अवलंबित है, और बंगालके दवामी बन्दोबस्तके कारण वहाँको प्रजा सरकारकी भक्त बन गई है। यह लाभ कुछ कम नहीं है। पुस्तकके उत्तरार्द्ध भागमें पुराने अकालोंकी कथा पढ़नेसे मालूम होगा कि बहुतसे अकाल तो केवल लगान वसूल करनेसे पड़े। राजा-प्रजा दोनोंके हितके विचारसे यह अत्यावश्यक है कि लगान कम कर दिया जाय । कितना कम किया जाना उचित है, इस विषयमें मि० ओकानरकी शिफारिश है कि “ लगान अभी कमसे कम २५ फी सैंकड़े के हिसाबसे अवश्य ही कम हो जाना चाहिए।" विदित नहीं होता कि सरकारको प्रजाके दुःख दूर करने में इतनी आना-कानी क्यों होती है ! यहाँके देशभक्त नेताओंने सारे देशके लिये स्थायी प्रबन्ध करनेकी कई बार प्रार्थना की, पर सब निष्फल हुई। सन् १८८३ ई० में तो उसने ऐसा करनेसे साफ ही इन्कार कर दिया था। किंतु अब इन्कार करनेसे काम नहीं चलेगा। जब तक सरकार For Private And Personal Use Only
SR No.020121
Book TitleBharat me Durbhiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshdatta Sharma
PublisherGandhi Hindi Pustak Bhandar
Publication Year
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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