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९ जीवन और श्रम । परिश्रम करनेसे घबड़ानेवाले और परिश्रम करनेको बुरा समझनेवाले भारतके लिए यह पुस्तक संजीवनी शक्तिकी दाता है । श्रम कितने महत्वकी वस्तु है, यह इसे पढ़नेसे मालूम होगा। मूल्य डेढ़ रुपया, स. १me)
१० प्रफुल्ल ( नाटक )। हमारे धरों और समाजमें जो फूट, स्वार्थ, मकदमेबाजी, ईर्षा-द्वेष आदि अनेक दोषोंने घुस कर उन्हें नरक धाम बना दिया है उनके संशोधन के लिए महाकवि गिरिश बाबूके उत्कृष्ट सामाजिक नाटकोंका घर घरमें प्रचार होना चाहिए । मूल्य १३) सजि० १॥) रु.
११ लक्ष्मीबाई । झाँसीकी रानीकी यह जीवनी बड़ी खोजके साथ लिखी गई है । सरस्वतीके सम्पादकका कहना है कि " केवल इसी पुस्तकके लिए मराठी सीखनी चाहिए । " मूल्य १।) २०, खजिल्दका 107)
१२ पृथ्वीराज (नाटक)। भारतके सुप्रसिद्ध वीर पृथ्वीराज चोहानने गजनीके दुर्दमनीय मुगल सम्राटको पराजित कर पुण्यभूमि भारतकी रक्षाके लिए जो अपूर्व आत्म-बलिदान किया था उसी वीरका वीररस-प्रधान चरित्र इसमें चित्रित किया गया है । मू०॥)
महात्मा गाँधी । छः सुन्दर चित्रों-सहित । हिंदी साहित्यमें यह बहुत घड़ी और अपूर्व पुस्तक है । इसके पहले खण्डमें महात्माजीकी १३२ पृष्ठोंमें विस्तृत जीवनी है और दूसरे खण्डमें महात्माजीके लगभग ८० महत्त्वपूर्ण व्याख्यानों और लेखोंका संग्रह है; और उनमें ऐसे व्याख्यान बहुत हैं जिन्हें हिंदी-संसारने बहुत ही कम पढ़ा है । पृष्ठ संख्या लगभग ४७५। मू० ३) रु.।
१४ वैधव्य कठोर दंड है या शान्ति ? भारतीय आदर्शको गिरानेवाले विधवा विवाहसे होने वाली दुर्दशाका . बड़ा ही मार्मिक और हृदयको हिला देनेवाला चित्र इसमें खींचा गया है । मु. ), सजि. १।।)
१५ आत्मविद्या । नये ढंगसे लिखा हुआ वेदान्त विषयका यह अपूर्व ग्रंथ है । इसमें संक्षिप्तमें पर बड़ी सुन्दरताके साथ वेदान्तके महान ग्रंथ योगवशिष्ठका सार दे दिया गया है । इसका मराठीसे अनुवाद श्रीयुत पं० माधव राव सप्रे बी० ए० ने किया है। मू० २) रु०, कपड़े की जि० २॥) रु.।।
१६ सम्राट अशोक । यह एक उत्कृष्ट और भाव पूर्ण उपन्यास है ।
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