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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भिक्षुक। १८३ कानून बनाये गये हैं । सुना गया है कि अभी हाल में बंगालसरकारका ध्यान इस ओर गया है और वह इस सम्बन्धमें एक कानून बनाना चाहती है। अमेरिका जैसे उन्नत देशोंमें भीख मांगना बड़ा भारी अपराध है। वहाँ जहाजसे उतरनेके पूर्व ३००) रु० नकदी दिखानेवाला व्यक्ति ही देशमें प्रवेश कर सकता है, अन्यथा वह वापिस लौटा दिया जाता है; क्योंकि उनका देश भीख माँग कर पेट भरनेका स्थान नहीं है, वहाँ उद्यमी और पुरुषार्थी मनुष्य ही रह सकते हैं। भला, जिस देशके निवासी उद्यमी और परिश्रमी हों वहा क्या कभी दुर्भिक्ष, प्लेग, दरिद्रता आदि फटक सकते हैं ? कदापि नहीं। तभी तो अमेरिका समस्त संसारमें उन्नतिशील देश कहा जाता है; क्योंकि वहाँ एक भी भिक्षक नहीं । अमेरिकामें ही क्या जापान आदि अन्य देशोंमें भी भिक्षा बिलकुल नियम-विरुद्ध और निंद्य कार्य माना जाता है। हालैण्डमें ऐसे मुफ्तखोरोंके लिये जो कि काम करने के लायक होते हुए भी कामसे जी चुराते हैं, यह उपाय निकाला गया है कि यदि कोई मनुष्य भीख मांगते हुए पकड़ा जाय और कारागार में रहनेसे इन्कार करे तो उसको एक हौजमें डाल देते हैं । इस हौजमें एक पम्प लगा रहता है, यदि वह उस हौजका पानी न निकालता जाय तो थोड़ी देर में पानी सिरके ऊपर आ जाय। अत एव उसे हाथ पैर हिलान ही पड़ते हैं, इस प्रकार उसे काम करनेकी आदत पड़ जाती है और आलस्य दूर हो जाता है। हम भी यही चाहते हैं कि भारतवर्षके भिखमंगोंके लिये भी हमारी गवर्नमेंट कोई ऐसा ही कानून बनावे । नहीं तो ये भिखमंगे जों For Private And Personal Use Only
SR No.020121
Book TitleBharat me Durbhiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshdatta Sharma
PublisherGandhi Hindi Pustak Bhandar
Publication Year
Total Pages287
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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