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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जालोरके सोनगरा चौहान जालोरके सोनगरा चौहान । १-कीर्तिपाल । हम पहले आहणके वर्णनमें लिख चुके हैं कि उसने अपने तीसरे पुत्र कीर्तिपालको गुजारेके लिये १२ गाँव दिये थे । इसी कीर्तिपालसे चौहानोंकी सोनगर। शाखा चली। किराडूके लेख में लिखा है कि केल्हणका भाई कीर्तिपाल था । इसने किराड़के राजा आसलको परास्त किया, कायद्रांके युद्धमें मुसलमानोंको हराया और जालोरमें अपना निवास निश्चित किया। वि० सं० १२३५ ( ई० स० ११७८) का एक लेख किराडूके सोमेश्वरके मन्दिरमें लगा है । यह चौलुक्य भीमदेव द्वितीयके समयका है। इसमें इसके सामन्त मदन ब्रह्मदेवका भी उल्लेख है । प्रो० डी० आर० भाण्डारकरका अनुमान है कि शायद उपर्युक्त किराडूके लेखका आसल इसी मदन ब्रह्मदेवका उत्तराधिकारी होगा। इसमें जो कायद्रा ( कासहद ) का नाम है उससे आबू पर्वतकी तराईमेंके कायद्रां नामक गाँवसे तात्पर्य है । क्योंकि ताजुलम आसिरमें लिखा है: "जब कुतुबुद्दीन अनहिलवाड़े पर हमला करनेके लिये अजमेरसे रवाना हुआ तब रायकरन और दाराबर्सकी अधीनतामें आबूकी तराईमें बहुतसे हिन्दु योद्धा एकत्रित हो गये और रास्ता रोककर डट गये । परन्तु मुसलमानोंने उस स्थानपर उनसे लड़नेकी हिम्मत न की, क्योंकि उसी स्थानपर लड़कर सुलतान मुहम्मद साम गोरी जखमी हो चुका था।" (2) Elliot's History of India Vol. I, P. 170. ३०१ For Private and Personal Use Only
SR No.020119
Book TitleBharat ke Prachin Rajvansh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishveshvarnath Reu, Jaswant Calej
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1920
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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