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भारतके प्राचीन राजवंश
हुए पुरुषोंका म्लेच्छ होना लिखा है । परन्तु इस विषयपर निश्चित मत देना कठिन है।
आजकलके मालवेकी तरफके परमार अपनेको प्रसिद्ध राजा विक्रमादित्यके वंशज बतलाते हैं । यह बात भी माननेमें नहीं आती। क्योंकि यदि ऐसा होता तो मुञ्ज भोज आदि राजाओंके लेखोंमें और उनके समयके ग्रन्थोंमें यह बात अवश्य ही लिखी मिलती । परन्तु उनमें ऐसा नहीं है । और तो क्या वाक्पतिराजके लेखों तक तो इनकी उत्पत्ति आदिका भी कहीं पता नहीं चलता।
जबतक उपर्युक्त विषयोंके अन्य पूरे पूरे प्रमाण न मिलें तब तक इस विषयपर पूरी तौरसे विचार करना कठिन है।
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