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मालवेके परमारोंकी वंशावली।
नंबर
नाम
परस्परका सम्बन्ध
ज्ञात समय
समकालीन राजा
| उपेन्द्र (कृष्णराज) परमार-वंशमें
वैरिसिंह, प्रथम नं. १ का पुत्र सीयक, प्रथम
नं. २ का पुत्र वाक्पतिराज, प्रथम नं. ३ का पुत्र | परिसिंह द्वितीय (बजट) नं. ४ का पुत्र
सीयक, द्वितीय (श्रीहर्ष) नं० ५ का पुत्र ७ वाक्पतिराज, द्वितीय (मुज) नं. ६ का पुत्र
वि० सं० १०२९ राठोड़ खोटिंगदेव, वि० सं० १८१८ वि० सं० १०६१,१०० |
चौलुक्य तैलप, दूसरा ३३,१०५० चेदिका राजा हैहय युराज
८ सिन्धुराज ( सिन्धुल) ९ भोज, प्रथम
नं. ७ का भाई नं. ८ का पुत्र
वि० सं० १०७८, १०९९ कलचुरी-गाङ्गेयदेव और कर्णदेव; चौलुक्य
भीमदेव प्रथम, जयासह दूसरा और सोमेश्वर प्रथम; चहुमान वीर्यराम,कोकल्ल चेदीका (ई०स० १०४२ के कर्ण चेदीके
दानपत्रसे)
१. | जयसिंह प्रथम
११ उदयादित्य
न० १२ का भाई
१२ लक्ष्मदेव | नरवर्मदेव
यशोवर्मदेव १५ जयवर्मा प्रथम
लक्ष्मीवर्मा हरिश्चन्द्र उदयवर्मा अजयवर्मा विन्ध्यवर्मा सुभटबमो अर्जुनवर्मा
नं. ९ का उत्तरा- । वि० सं० १११२ कलचुरी-कर्ण; चौलुक्य-मीम
धिकारी नं. ९ का कुटुम्बी वि० सं० १११६, ११. | कलचुरी-कर्ण; चौहान-दुर्लभ तीसरा; ३५, ११४३ . चौलुक्य-सोमेश्वर और विक्रमादिस्य
छठा; चौलुक्य-भीम और कर्ण; गुहिल
विजयसिंह नं० ११ का पुत्र - वि० सं० ११६१ लक्ष्मदेव कलचुरी-यशःकर्णदेव
के समयका नरवर्मदेवकाले०
वि० सं० ११६१, ११६४ चौलुक्य-जयसिंह (सिद्धराज) नं० १३ का पुत्र वि० सं० ११९१,११९२ चौलुक्य जयसिंह (सिद्धराज) नं० १४ का पुत्र नं. १५ का भाई वि० सं० १२०० चौलुक्य-कुमारपाल
वि० सं० १२३५, १२३६ / चौलुक्य-अजयपाल नं. १७ का पुत्र वि० सं० १२५६ नं. १५ का भाई का पुत्र
चौलुक्य-भीम दूसरा; यादव-सिंथण नं० (१७) का पुत्र , वि० सं० १२६५, १२७० जयसिंह (गुजरातका)
१२७२ | वि० सं० १२७५, १२८२, शम्सुद्दीन अल्तमश
१२८५, १२८६, १२०
नं० १६
१८
का पुत्र
देवपालदेव
जयसिंह, द्वितीय(जयतुगीदेव) नं० १९ का पुत्र वि० सं० १३००, १३१२ जयवर्मा, द्वितीय | नं. २. का भाई | वि० सं० २३१४, १३१७ जयसिंह, तृतीय नं० २१ का उत्तरा- पि० सं० १३२६
धिकारी भोज, द्वितीय नं. २२ का उत्तरा
चहुआन-हम्मीर, वि.सं. ११४५
धिकारी
२४ | जयसिंह, चतुर्थ
नं. २३ का उत्तरा- वि.सं. १३६६
धिकारी
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