________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www. kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५६२ .
.
भारत-भैषज्य-रत्नाकरः
[ अर्श
D
... -
घृत-प्रकरणम्
रस--प्रकरणम्
अर्शमें अत्यन्त प्रभाव७३८२ शुण्ठीघृतम् अर्श, पाण्डु, ज्वर, अरुचि ७५२६ शंकरलोहः ।
शाली, अग्निवर्द्धक,शूलादि ७३८३ शुण्ठीधान्यक
नाशक । (प्रतिज्ञा की घृतन् अर्श, वातकफज रोग,
है कि चाहे सूर्य चन्द्र श्वास, कास
स्थान भ्रष्ट हो जावें यह ७९०७ सुनिषण्णक
प्रयोग निष्फल नहीं होगा) चांगेरीघृतम् अर्श, अतिसार, गुदभ्रंश, । ७५५४ शंखवटी (महा) अजीर्ण, अर्शादि ।
रक्तस्राव, शोथ, अग्नमांद्य १२, शिलागंधकयोगः अर्श नाशक, वायु अनु. ८५३७ होवेरादिघृ० अर्श, गुदभ्रंश, आध्मा
लोमक नादिमें उत्तम ७६२० शिव रसः अर्श
७७६५ षडानन रसः लेप-प्रकरणम्
८१७६ सर्वलोकाश्रय
रसः अर्श पाण्डु, ज्वर, ७४६७ शिरीषबीजादि
अग्निमांद्य लेपः
८१७८ सर्वसुन्दर रसः वातार्श, कफार्श, द्वन्द्व . ७४६८ शिरीषवीजायं
जार्श, ग्रहणी लेपत्रयम् अर्शनाशक, उत्तम सरल ८२२४ सिद्ध सावरयोगः त्रिदोषज अर्श
३ योग। ८०५४ सुवर्चिकायो
मिश्र-प्रकरणम् ७ दिन में मस्सोंको नष्ट / ८४०० सूरणवतिः मस्से, गुदकृमि
करता है। ८४०४ सोमल चूर्णयोग: बिना कष्ट तीनों बलियों ८०५८ सूरणादिलेपः प्रवृद्ध अर्शके मस्से ।
के मस्से नष्ट कर देता है।
८४०९ स्नुपत्र योगः अर्श, गुदकण्डू, कृमि ८०६२ सैन्धवादिलेपः अर्श
८६.१ हरिद्रावर्तिः अर्श ८०७२ स्नुहीक्षीरलेपः
८६८६ हरीतकी योगः कफज अर्श, शोथ, पाण्डु ८०७४ स्नुह्यादि , ,
८७६१ क्षारसूत्रम् मस्सोंको काटता है। ८५६१ हरिद्रादिलेपः
८७६२ " " " " "
For Private And Personal Use Only