SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 214
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चूर्णप्रकरणम् ] पञ्चमो भागः, .. (७८२१) स्नेहोपगदशको महाकषाय: । (७८२२) स्वेदोपगदशको महाकषायः (च. सं. । सू. अ. ४) . मृद्वीकामधुकमधुपर्णीमेदा विदारोकाकोली (च. सं. । सूत्र १ अ. ४ ) क्षीरकाकोलीजीवकजीवन्तीशालपर्ण्य . इति दशेमानि स्नेहोपयोगानि भवन्ति । शोभाञ्जनकैरण्डार्कवृश्चीरपुनर्नवायवतिलकुल___ मुनक्का, मुलैठी, गिलोय, मेदा, विदारीकन्द, त्यमाषबदराणीति दशेमानि स्वेदोपगानि काकोली, क्षीरकाकोली, जीवक, जीवन्ती और शाल भवन्ति । पर्णी; ये दश ओषधियां स्नेहोपयोगी हैं । स्वल्पभाग्यांदिक्वाथः सहजना, अरण्ड, अर्क (आक), सफेद - (भै. र. । ज्वरा.) पुनर्नवा, पुनर्नवा, जौ, तिल, कुलथी, उड़द और प्र. सं. १७९१ भार्यादि क्वाथः (६) देखिये । | बेर; ये दश ओषधियां स्नेहोपयोगी हैं। इति सकारादिकषायप्रकरणम् अथ सकारादिचूर्णप्रकरणम् (७८२३) सदाभद्रादिचूर्णम् । (७८२४) सप्तसमयोगः ( यो. र. । मूत्राघाता.) (वृ. मा. । कुष्ठा.) सदाभद्राश्मभिन्मूलं. शतावर्याश्च चित्रकम् । रोहिणी कोकिलाक्षौ च क्रौश्वस्थूलं त्रिकण्टकम् ॥ तिलाज्यत्रिफलाक्षौद्रव्योषभल्लातशर्कराः ।। श्लक्ष्णपिष्टाः सुरापीता मूत्राघातप्रवन्धनाः ॥ वृष्यः सप्तसमो मेध्यः कुष्ठहा कामचारिणः ॥ ___ खम्भारीकी छाल, पाषाणभेद, शतावर, तिल, त्रिफला (हर, बहेड़ा, आमला), त्रिचीतामूल, कुटकी, तालमखाना, कमलबीज (कम | कुटा (सांठ, मिर्च, पीपल), शुद्ध भिलावा और लगट्टा), ईखकी जड़ और गोखरु; ये सब ओष. खांड; ये पांचों ओषधियां १-१ भाग ले कर धियां समान भाग ले कर चूर्ण बनावें। चूर्ण बनावें और फिर उसमें १-१ भाग शहद इसे मद्यके साथ पीनेसे मूत्राघात नष्ट और घी मिला लें। होता है। (मात्रा-३-४ माशे ।) यह योग वृष्य, मेध्य और कुष्टनाशक है। For Private And Personal Use Only
SR No.020118
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages633
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy