________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
८८२
भारत-भैपज्य-रत्नाकरः
[रसायन वाजीकरण
-
रसः
रसः स्तम्भक
६४२२ लोह रसायनम् रसायन (समस्त ६३३१ लक्ष्मणा लौहम् वृष्य, वाजीकरण, कृ
शक्तियोंको बढ़ाता है) पता नाशक. जिनके ६४२३ , , रसायन कन्या ही कन्या होती ६४३८ लोहादि योगः वीर्य स्तम्भक हों उन्हे पुत्र प्राप्त | ६४४० लोहाघो रसायनः रसायन
होता है। ६९१९ वंगेश्वर रसः लिंग शैथिल्य, रक्त६३३३ लक्ष्मी विलासः वृद्धोंको युवाके समान
मत्र, मधुमेह करता है, अत्यन्त ६९२३ वङ्गेश्वरादि वटी स्तम्भक, बल वीर्य वकामोत्तेजक
र्द्धक, स्त्री द्रावक ६३३६ लक्ष्मीविलास अत्यन्त वाजीकरण, ६९३२ वा पञ्जरे रसः वलि पलित नाशक, वीर्यवर्द्धक, नपुंस्कता
बल ओयु वर्द्धक तथा बहु मूत्र नाशक | ६९३८ वज्रेश्वर रसः शरीरको दृढ करता है। ६३३८ लघुकामेश्वर बल वीर्य कामवर्द्धक । ६९३९ , , १ दिन खानेसे १२ वर्ष गुटिका
तक स्वास्थ्य ठीक ६३३९ , , मोदकः वीर्यवर्द्धक, स्तम्भक,
रहता है। स्त्री द्रावक
६९४१ वटेश्वर रसः शरीरको दृढ करता है। ६३४१ ,, चन्द्रोदयरसः अत्यन्त वाजीकरण, ६९६९ वसन्ततिलक ,, बल वीर्यवर्द्धक अनेक बल वीर्य अग्निवर्द्धक
रोग नाशक ६३६८ लीलाविलास ,, अत्यन्त वाजीकरण, पौ-६९७८ वाजीकरोवटकः अत्यन्त काम वर्द्धक
ष्टिक, नपुंस्कता तथा | ७०३२ विडंगादिचूर्णम् वृद्धको तरुणके समान बहु मूत्र नाशक
करता है। ६३७५ लोकनाथ रसः अत्यन्त पौष्टिक; अत्य- | ७०३४ , योगः जरा तथा पलित नाशक
न्त कामोत्तेजक, उ- ७०६० विलासिनो वल्लभ स्तम्भक, मानिनी मान त्साह, सौन्दर्य तथा रसः
भञ्जक स्वर वर्द्धक । ६३९७ लोहभस्मयोगः जराव्याधि नाशक, ग
कल्प-प्रकरणम् रविषके प्रभावको रो- ६८९१ वृद्धदारुककल्पः अत्यन्त बल, रूप और कने वाली।
आयुवर्द्धक ६४२१ लोह योगः रसायन
For Private And Personal Use Only