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भारत-भैषज्य रत्नाकरः
[नेत्ररोग
६४५५ लोधादिगुटिका नेत्राभिष्यन्द । ६४६० लोध्राद्याश्च्योतन पित्तज, वातज, रक्तज ६४५६ , . योगः नेत्र शूल
नेत्राभिष्यन्द ६४५७ , . , पित्तक्तज नेत्र निन्द ६४५८, सेकः रक्तज
६४६१ , , नेत्रकण्डू, अश्रु, किर
किराहट
(३२) पाण्डुरोगाधिकारः
कषाय-प्रवरगम्
रस-प्रकरणम् ४९८६ मण्डूकीरसयोगः कार पर स लयोग । ५४७० मण्डूर गुटिका पाण्ड, कामला
५४८० , योगः पाण्डुको ७ दिनमें चूर्ण-प्रकरणम्
नष्ट करता है। ५१०३ मधुयष्टियोगः पाडु (स लयोग) । ५४८२ , लवणम् पाण्डुमें अत्युत्तम ५१५२ मूर्वाचं चूर्णम् पाण्डु
५४८३ , वटकः पाण्डु, शोथ, अर्श ६६२७ विशालादि, पाण्डु, ज्वर, दाह, अ- | ५४८५ ,, वज्रवटकः पाण्डु अग्निमांद्य अरुचि
५४८६ मण्डूराघवलेहः घोर पाण्डु भी शीघ्र ७१४४ व्योषादि , कामला
___ नष्ट होता है।
५५०० मदेभसिंह रसः ज्वर, पाण्डु, तृषा, अ. घृत-प्रकरणम्
ग्निमांद्य ५२६४ मूर्वाद्यं घृतम् पाण्डु, ज्वर, शोथ,
५५०४ मधुमण्डूरम् पुराना पाण्डु (रक्त
वर्द्धक) ५९३९ रजनी त्रिफला पाण्डु
५५४९ महातालेश्वररसः पाण्डु, कामला, हलीमक घृतम् ६७६९ व्योषाधं घृतम मृत्तिका भक्षण जनित ,
५६१७ मुस्तादि चूर्णम् पाण्डु
५८३६ योगराजगुटिका पाण्डु, कास, अजीर्ण, पाण्डु
अरुचि. - आसवारिष्ट-प्रकरणम्
६१३८ राजशेखरवटी पाण्डु, पित्तविकार, ५३२७ मण्डूरारिष्टः पाण्डु, अर्श, शोथ
अग्निमांद्य ६३०० लोहासवः पोण्डु, शोथ, अरुचि |
६३४४ लघुशिवगुटिका पाण्डु, ज्वर, प्लीहा । ६३८८ लोहचूर्ण वटकः पाण्डु, कामला, हलीमक
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