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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ज्वर ] ५५४१ महाज्वराङ्कुशः ५५४२ ५५४३ ५५४४ ५५४५ ५५४६ " 99 99 29 39 99 ܕ रसः " " " रसः ५५५६ महा भैरवरसः ५५६६ महाराज वटी रसः www.kobatirth.org चतुर्थी भागः मेलेरिया (एकाहिक, तृतीयक आदि ) जीर्णज्वर, मेलेरिया, जदोषजज्वर मेलेरिया, अन्तर्वेग, धातुगत और विषमज्वर ५५४७ महातालकेश्वर दाहपूर्वज्वर, शीतज्वर, विषमज्वर समस्तज्वर दाहपूर्वज्वर, पित्तज्वर, ५५७६ महाविजयपर्पटी सन्निपात शीतज्वर सन्निपातज जीर्णज्वर में शीघ्र गुणकारी है । सन्निपात में अत्युत्तम धातुगत ज्वरोको अवश्य नष्ट कर देता है । ५५७७ महाविषमारीरसः शीतपूर्व तथा दाहपूर्व ज्वर ५५८० महाशीतज्वराङ्कुश धातुगतज्वर, चित्तभ्रम सन्निपात, पित्त ५५८१ महाश्लेष्मकाला नल रसः शोताङ्ग सन्निपात ५६०४ मार्तण्डभैरवरसः कष्ट साध्य सन्निपात ५६०८ मुक्त पश्चामृतरस: जीर्णज्वर, क्षयादि ५६१३ मुद्राघोटको रसः ज्वरको अत्यन्त शीघ्र नष्ट करता है । ५६४६ ५६४२ मृत्प्राणदायीरसः नवीनज्वर, स्नायुगत वायु ५६४३ मृत्सञ्जीवनरसः सन्निपात में होनेवाला जिह्वास्तम्भ, गलग्रह, पिच्छिलास्यता, मन्या स्तम्भ, शिरोग्रह, जिबाकी शुष्कता ५६४५ मृत्सञ्जीवनोरसः सन्निपात, दाहपूर्व - "" ५६४८ मृत्सञ्जीविनी गुटिका ५६४९ मृत्सञ्जीविनी व टिका ५६५२ मृतोत्थापनरसः ५६६७ ५६६८ ५६५३ " ५६५४ मृत्युञ्जय रसः ५६५६ ५६५७ For Private And Personal Use Only "" 39 9. " ५६५८ ५६६२ 59 " ५६६५ मेघनाद रसः 37 "3 " "" 99 "" 35 "" 19 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८५९ ज्वर, शीतज्वर मृत्प्रायः सन्निपात रोगी भी बच जाता है । ऊपरके समान सन्निपात मृत्प्रायः सन्निपात रोगी भी बच जाता है । ऊपरके सामान नवीनज्वर, सन्निपात विषमज्वर सन्निपात, शूल, यकृत् मलावरोध, शोथ, हिक्का, श्वास समस्तज्वर 31 25 विषम तरुण जीर्ण ज्वर, दाह, तृषा समस्तज्वर विषमज्वर
SR No.020117
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages908
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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