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कुष्ठ, रक्तविकार ]
चतुर्थों भागः
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करता है।
६१९५ लघु मंजिष्ठादि- वातरक्त, कुष्ठ | ६७१२ विडङ्गादि लेहः किटिभकुष्ठ, श्वित्र, दाद काथः
६७१४ विडङ्गाधवलेहः कुष्ठ, कृमि, भगन्दर, ६४८४ वत्सादन्यादि- वातरक्त
नाड़ीत्रण कषायः ६५१९ वासादि क्याथः सागमें व्याप्त वातरक्त
घृतप्रकरणम् ६५२० ,, , वातज कुष्ठ
५२३१ महाखादिरं घृ० समस्त कुष्ठोंमें अत्यु
पयोगी चूर्णप्रकरणम्
५२३२ . गुडूची , भयंकर वातरक्त, दाह, ६२३५ लाक्षादि चूर्णम् १ मासमें कुष्ठको नष्ट
उरुस्तम्भ
५२३५ ,, तिक्तकं ,, कुष्ठ, विसर्प, वातरक्त, ६२३९ लाङ्गल्यादिचूर्णम् व्यथा, पादस्फुटन, मर्म
विस्फोटक, पामा, पीड़ा आदि उपद्रव
पिडिका आदि युक्त वातरक्त. ५२३६ . , कुष्ठ, विस्फोटक, कि६५९७ वरादि , कुष्ट, कृमि, नाडीव्रण
लास कुष्ठ, शोथादि ६६१९ विडङ्गादि , कुष्ठ, कृमि, भगन्दर
५२३७ , , , कुष्ठ, विसर्प, कण्डू,
भयंकर रक्तस्राव गुटिकाप्रकरणम्
५२४० ,, नील , श्वेत कुष्ठ, कृमि ५१७४ माणिभद्रमोदकः कुष्ठ, भगन्दर, अर्श
| ५२४१ , , , श्वेत कुष्ठ में अत्युपयोगी ६६७१ विडङ्गादि , कुष्ठ
५२४२ , , , कुष्ठ, भगन्दर
५२४५ , मार्कर ,, दाद, श्वेत कुष्ठ, शीगुग्गुलु-प्रकरणम्
र्णाङ्ग कुष्ठ ५१८६ महीपाख्यगुग्गुलुः वातरक्त, कुष्ठ, शोथ ६६८६ वज्र , विविध दोषज वातरक्त |
५२४७ महावज्रकवृत गलित कुष्ठ शोथ, कास, ज्वर, ६७२९ वज्रकवृतम् कृमियुक्त भयंकर (बल वर्द्धक)
गलित कुष्ठ
६७३० " , कुष्ठ, रक्तदोष, अवलेहप्रकरणम्
विसर्प, ज्वरे ५७८६ योगसारामृतम वातरक्त, कुष्ठ, रक्त- ६७४१
ट, रक्त- ६७४१ वासादि घृतम् रक्तविकार, कुष्ट, विसर्प पित्त जनित कुष्ठ ।
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