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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५९९ चूर्णप्रकरणम् ] चतुर्थों भागः सेठका चूर्ण बकरीके दूधके साथ सेवन कर- (६६३६) विश्वाद्यं चूर्णम् (१) नेसे विषम ज्वर नष्ट होता है। (वृ. यो. त. । त. ८८ ) (मात्रा-२ माशे ।) विश्वाजमोदरजनीद्वयसैन्धवोग्रा(६६३४) विश्वादिचूर्णम् (४) ___ यष्टयाहकुष्ठमगधोद्भवजीरकाणाम् । ( वृ. नि. र. । शूला.) चूर्ण प्रभातसमये लिहतः ससर्पि र्वाग्देवता निवसति स्वयमेव वक्त्रे ।। शुण्ठी सुवर्चलं हिडपाठामूलोष्णकं जलम् ।। निपीतं नाशयत्येव सर्वशूलानि देहिनाम् ॥ सेठ, अजमोद, हल्दी, दारुहल्दी, सेंधानमक, ___ सांठ, सञ्चल (काला नमक), हींग, पाठाकी | बच, मुलैठी, कूठ, पीपल और जीरा समान भाग ले कर चूर्ण बनावें । जड़, काली मिर्च और सुगन्ध बाला समान भाग ले कर चूर्ण बनावें । इसे प्रातः काल धीमें मिलाकर चाटनेसे बुद्धि | बढ़ती है। यह चूर्ण समस्त प्रकारके शूलोंको नष्ट | ( मात्रा-३-४ माशे । ) करता है। (६६३७) विश्वाद्यं चूर्णम् (२) (मात्रा-२-३ माशे । ) ( ग. नि. । ग्रहण्य. ३) (६६३५) विश्वादिचूर्णम् (५) विश्वा वचा चित्रकदेवदारु(हा. सं. । स्था. ३ अ. १२) विडङ्गकुष्ठातिविषं च पथ्या। विश्वदुःस्पर्शशृङ्गीसठीपुष्करं सपिप्पलीमूलमिदं समुस्त मुष्णाम्बुपीतं ग्रहणीगदघ्नम् ॥ दारुभार्गीकणामुस्तरास्नायुतम् ।। सेठ, बच, चीता, देवदारु, बायबिडंग, कूठ, शर्करायुक्तमेतं हितं चूर्णितं अतीस, हर, पीपलामूल और नागरमोथा समान कासनिःश्वासबातोद्भवं हन्ति वै ॥ | भाग ले कर चूर्ण बनावें ।। सेठ, धमोसा, काकडासिंगी, कचूर, पोखर- इसे उष्ण जलके साथ सेवन करनेसे संहणी मूल, देवदारु, भरंगी, पीपल, नागरमोथा और | रोग नष्ट होता है । रास्ना १-१ भाग तथा खांड सबके बराबर लेकर (मात्रा-३ माशे । ) चूर्ण बनावें । (६६३८) विष्णुकान्तायोगः यह चूर्ण वातज खांसी और श्वासको नष्ट । (ग. नि. । रक्तपित्ता. ८) करता है। क्षीरानभुक:पिवेद्यत्नाद्विष्णुक्रान्तां सशर्कराम् । (मात्रा-६ माशे ।) । ऊर्ध्वरक्तादितः सम्यग्गव्येन पयसा सह ॥ For Private And Personal Use Only
SR No.020117
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages908
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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