________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
२१६ भारत-भैषज्य-रत्नाकरः
[मकारादि गोक्षुरकद्वयश्चैव पिप्पलीमूलमेव च। शुद्ध गन्धकका चूर्ण तथा तेल डाल कर उसमें वह एतत्सर्व समं ग्राह्यं रसे धुस्तूरकस्य च ॥ गोला पकावें । जब गन्धक और तेल जल भावयित्वा वटी कार्या द्विगुञ्जाफलमानतः। जाय तो ठंडा होने पर गोलेको पीस लें और महालक्ष्मीविलासाऽयं शिरोरोगविनाशकः ॥ उसमें उसके बराबर लोह भस्म तथा इतना ही ___ लोह भस्म, अभ्रक भस्म, शुद्ध बछनाग नीमके पञ्चाङ्गको चूर्ण मिलाकर शहदमें घोटकर ( मीठा विष ), नागरमोथा, हरे, बहेड़ा, आमला, १-१ निष्ककी गोलियां बना लें। सोंठ, मिर्च, पीपल, धतूरेके बीज, बिधारे के बीज इनके सेवनसे किटिभ कुष्ट नष्ट होता है। भांगके बीज, छोटा गोखरु, बड़ा गोखरु और
(५५७२) महावहिरसः (१) पीपलामूल समान भाग लेकर सबको ( १ दिन )
( र. प्र. सु. । अ. ८) धतूरेके रसमें घोट कर २-२ रत्तीको गोलियां बनावें।
चत्वारः मूतभागास्तदनु
___ बलिवसा चाष्टभाग विधेया ___ इनके सेवनसे ( वातज और कफज ) शिरो
गौरीश्रेष्ठाशिवानां कथितरोग नष्ट होते हैं।
मिदमहो त्रित्रिभाग क्रमेण । महावङ्गेश्वररसः
एकीकृत्य विचूर्णयेच (वृ. नि. र. ; यो. र. । प्रमेह; नपु. मृ. । त. ७)
सकलं स्नुवभृिङ्गद्रवर्भाव्यं " बङ्गेश्वर रस (महा) ” देखिये ।
सप्तदिनावधि क्रमगतं वातारितैलेन वै ॥ (५५७१) महावज्रपाणिरसः एषःस्याद्धि महाग्निनाम (र. का. धे. । कुष्ठ.)
रसराट् पथ्ये जलं शीतलं शुद्धसूतं मृतं तानं मृतं तालं समं समम् । वज्य क्षारमथाम्लकं मर्दयेद्वाकुचीतैले यामैकं कृतगोलकम् ॥
शमयते सम्मूढवातं खलु ॥ द्विगुणे पाचयेद्गन्धे सतैले लोहपात्रके । शुद्ध पारद ४ भाग, शुद्ध गन्धक ८ भाग, गन्धले विजीर्णेशं तद्गोलांशं मृतायसम् ॥ हल्दी ३ भाग, त्रिफला (हर्र, बहेड़ा, आमला ) पञ्चाङ्गनिम्बसंयुक्तं मधुना गुटकीकृतम्। ३ भाग और भुई आमला ३ भाग लेकर प्रथम निष्क किटिभं हन्ति वज्रपाणिमहारसः ॥ पारे गन्धककी कजली बनायें और फिर उसमें
शुद्ध पारद ( रस सिन्दूर ), ताम्र भस्म और अन्य ओषधियोंका चूर्ण मिलाकर सबको स्नुही हरताल भस्म समान भाग लेकर सबको एकत्र (सेंड-सेहुंड ) के दूध, चीता और भंगरेके रस मिलाकर १ पहर बाबचीके रसमें घोट कर गोला तथा अण्डीके तेलमें पृथक् पृथक् सात सात दिन बनावें और फिर लोहेकी कढ़ाईमें गोलेसे २ गुना घोट कर सुरक्षित रक्खें ।
For Private And Personal Use Only