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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी [७०१] - संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण | संख्या प्रयोगनाम पत्थर के समान कठिन मलको भी तोड़कर निकाल दे- ४४८६ प्लीहारि रसः ती है। ४४८७ , , ४४८१ प्राणेश्वरो रसः ८ प्रकारके गुल्म, वायु, प्लीहा, पाण्डु। | ४४८८ , , ४४८४ प्लीहशार्दूलो रसः प्लीहा, अग्रमांस, य ४४८९ प्लीहारि वटिका कृत्, गुल्म, शोथ, ज्वर । ४४८५ प्लीहान्तको , ८ प्रकारके उदर ४४९० प्लीहार्णवो रसः रोग, आनाह, विषम | ४७५७ ब्रह्म वटी ज्वर, आम शूल, मुख्य गुण शोथ और विशेषतः तिल्ली। यकृत् , पाण्डु, प्लीहा प्लीहा, ज्वर, शूल, अर्श । प्लीहा, यकृत् गुल्म। प्लीहा, यकृत, गुल्म, अग्निमांद्य, शोथ। प्लीहा, ज्वर । ६४ प्रकारके उदर रोग। (१०) उदावर्ताधिकारः कषाय-प्रकरणम् ३४३४ नाराच चूर्णम् मलकी कठिनता, २८९१ दुःस्पर्शादिस्वरस मूत्रावरोध-जन्य उ उदावर्त । प्रयोगः दावर्त । ४८१६ भद्रदार्वादि , अफारा, उदावर्त । रस-प्रकरणम् चूर्ण-प्रकरणम् ३६४७ नाराच रसः उदावर्त, शूल, गु२९९९ द्विरुत्तर चूर्णम् उदावर्त । ल्म, जीर्णज्वर । (११) उन्मादरोगाधिकारः कषाय-प्रकरणम् चूर्ण-प्रकरणम् ४६०८ ब्राह्मयादिस्वरस २९९१ द्राक्षादि प्रयोगः उन्माद प्रयोगः घृत-प्रकरणम् | ३४९१ निशादि घृतम् उन्माद उन्माद For Private And Personal Use Only
SR No.020116
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1928
Total Pages773
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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