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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-पथ-प्रदर्षिनी [६९५] कवलप्रह (५) अरुचि रोगाधिकारः संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण कषाय-प्रकरणम् ३९४४ पिप्पल्यादिचूर्णम् पित्तज अरुचि । २८५७ दाडिम रसः ___ असाध्य अरुचि ।। ३९६१ पिप्पल्या , कफज अरुचि । २८५८ दाडिम रसादि ३९६७ , , अत्यन्त रोचक, इप, अरुचि। दीपन, वमन.नाश क, कण्ठशोधक। चूर्ण-प्रकरणम् | ४६२२ बिडलवण योगः असाध्य अरुचि । २९५२ दाडिमादिचूर्णम् रोचक, हृय, कास नाशक । २९९५ द्राक्षापाडवः हर प्रकारकी अरु मिश्र-प्रकरणम् चिको नष्ट और मु- | ३६८३ निम्बुपानकः रोचक, पाचक, खको शुद्ध करता है। दीपक । (६) अर्शोधिकारः कषाय-प्रकरणम् | ३९३४ पारिभद्रादि क्षारः कफज अर्श, रक्ताई, २९०२ देवदाली योगः मस्सों का नाश कर शोथ, पाण्डु। ने वाला शौच क्रि- | ३९८६ पूतिकाचं चूर्णम् १ मासमें अर्शके याके लिये उपयोगी मस्सोको गिरा देता जल तथा धूनी। २९२९ द्राक्षादि योगः रतार्थ । ४८२१ भल्लातकादिचूर्णम् अर्श, अग्निमांय, कुष्ठ । ३३५४ नागरादि कल्कः अर्श। ४८२३ , " अर्श, खांसी, श्वास, ३७६९ पत्रकादि काथः ज्वर । ४५६२ बालकादि कल्कः पित्तज अर्श। ४८२६ भल्लातकामृतम् पित्तज अर्श । चूर्ण-प्रकरणम् २९७५ देवदाली प्रयोगः अर्श। ३२६९ धत्तूरादि चूर्णम् पित्तज अर्श। गुटिका-प्रकरणम् । ३००५ दुर्नामकुठारमोदकः वातारी। । ३४५४ नागरायो मोदकः हर प्रकारकी अर्श। For Private And Personal Use Only
SR No.020116
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1928
Total Pages773
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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