________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रसमकरणम् ]
हतीयो भागः।
[५२३]
-
वीर्य और कान्ति वर्द्धक, यदि खियां धारण करें। अच्छी तरह खरल करें । तदनन्तर एक लोहेकी तो उनके लिये मंगलकारी तथा क्षय, रक्तपित्त, कदाईमें जरासा घी लगाकर उसमें इस कज्जलीको खांसी, विष, भूतविकार और नेत्ररोगनाशक एवं डालकर बेरीके कोयलांकी मन्दाग्नि पर पिघलावे दीपन और पाचन है।
और फिर भूमि पर गायका गोबर फैलाकर उसपर प्रवालशोधनम्
केलेका पत्ता बिछावें एवं उसके ऊपर वह पिपली (मुक्ताशोधन देखिये।)
हुई कज्जली फैलाकर उसपर दूसरा पत्ता ढककर
शीघ्रता पूर्वक गोबरसे दबा दें .। थोड़ी देर बाद प्राणत्राणरस:
जब वह बिल्कुल शीतल हो जाय तो दोनों पत्तों ( र. र. । राजयक्ष्मा.)
के बीच में से पर्पटीको निकाल लें । ('प्राणनाथरस' सं. ४४७६ देखिये।)
इसके सेवनसे पाण्डु, अतिसार, ग्रहणी, (४४७५) प्राणदापर्पटी
ज्वर, खांसी, यक्ष्मा, प्रमेह और अग्निमांधका (वृ. यो. त. । त. ७६; वृ. नि. र.; यो. र.;
.. नाश होता है । इसके अतिरिक्त उचित अनुपान र. चं. । क्षय.)
' के साथ देनेसे यह अन्य समस्त रोगोंको भी नष्ट
करती है। सूताभ्रायोहिनङ्गोषणविषमखिलांशेन गन्धेन लौह्यां
(साधारण मात्रा-३ रत्ती । विशेष सेवन कोलानौ विद्रतेन क्षणमथ मिलित
विधि ‘पञ्चामृत पर्पटी ' में देखिये । ) दालितं गोमयस्थे।
(४४७६) प्राणनाथरसः (१) रम्भापत्रेऽमुनाऽन्येन च दृढपिहितं
(प्राणत्राणरसः) पाणदा पर्पटीस्या- ( वृ. नि. र. । क्षय.; र. र.; र. का..। क्षय.) त्पाण्डौ रेके ग्रहण्यां ज्वरारुचिकसने लोहभस्म पलैकन्तु द्विपलं भृङ्गजद्रवम् ।
यक्ष्ममेहामिमान्धे॥
वराभागीभवं द्रावं पलैकैकं नियोजयेत् ।। पाणदा पर्पटी सैषा भाषिता शम्भुना स्वयम् । पलैकं त्रैफले काथे सर्व भज्यं च खर्परे। तत्तद्रोगानुपानेन सर्वरोगविनाशिनी ॥ लोहांश माक्षिक शुद्धं मधु पूर्वोदितैर्देवैः ॥
शुद्ध पारद, अभ्रकभस्म, लोहभस्म, सीसा- | रुद्धा त्रिभिः पुटैः पाच्यं द्रवैर्मर्थे पुनः पुनः । भस्म, बंगभस्म तथा काली मिर्च और शुद्ध पछ
मृतं मृतं मृतं वङ्ग निष्कं निष्कं विमिश्रयेत् ॥ नाग का चूर्ण १-१ भाग तथा शुद्ध गन्धक ७
-रसरत्नाकर में इसे “प्राणप्राण" नाम दिया भाग लेकर प्रथम पारे गन्धककी कजली बनार्वे
| गया है। उसमें "बराभाषी...नियोजयेत्” यह श्लोकार्य और फिर उसमें अन्य औषधं मिलाकर सबको । नहीं तथा बंग की जगह नाग लिखा है।
For Private And Personal Use Only