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चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
[५५५]
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संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण चूर्णप्रकरणम्
मिश्रमकरणम् १७१६ चिञ्चाबीजादि चू. शीतलाको निकलनेसे २७९८ तण्डुलाम्बुसेकः पैरोंकी पिडिकाओंकी रोकता है।
दाह
३३ मस्तिष्करोगाधिकारः कषायप्रकरणम्
तैलपकरणम् १६५६ चन्दनादिकाथः मस्तिष्कका छोटा होजाना २०६२ ज्योतिष्मतितला. बुद्धिवर्द्धक चूर्णप्रकरणम्
२४६७ ताम्रगर्मतैलम् , (३वर्षका १२७५ गुडूच्यादिरसा.चू० स्मरणशक्ति वईक है ।
प्रयोग)
३४ मुखरोगाधिकारः कषायप्रकरणम्
। २३३१ तेजोहादि- मसूढोंका रक्तसाव, उपजिह्वा
दन्तधावन १२०९ गृहधूमादिकाथः
खुजली, पीड़ा
( मञ्जन) १९७७ जातिपत्रादि ,, मुखपाक २२८५ त्रिफलादि ,, ,,
गुटिकापकरणम् चूर्णपकरणम् | २०१८ जात्यादि गुटिका दन्त, ओष्ठ, जीभ
और तालुके रोग। १९९४ जरणादि चूर्णम् मसूढोंके घाव, पीड़ा,
( सुगन्धित है) सूजन, खून निकलना, २३९४ तेजोवत्यादि , समस्त गलरोग दांतोंका हिलना।
। २४०२ त्रिफलादि , गलरोहिणी, मुख१९९५ जातिपत्रादि , मुखकी दुर्गन्ध,
शोष, मुंहकी दुर्गन्ध । दांतोंकी पीड़ा, मसू
इत्यादि ढोंकी खाज, दन्तकृमि, आदि
अवलेहप्रकरणम् १३१३ तितकं , मसूढे, गले और २०२८ जातिपत्रादिलेहः स्वरको सुधारता है।
मुखके रोग (मञ्जन)
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