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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra [ ५२६ ] संख्या प्रयोगनाम २६८९ तीक्ष्णमुखरसः २६९० तीक्ष्णमुखरसः २७९३ तक्रप्रयोगः मिश्रप्रकरणम् २२२९ तिलादि काथः " कषायप्रकरणम् १२२२ गोपालकर्कटीयोगः ३ दिनमें अश्मरीका नाश कर देता है । शर्करा, अमर १२८३ गोक्षुरादिचूर्णम् २३२० तिलादि क्षारयोगः अमरी २३२१ * चूर्णप्रकरणम् "3 ११५४ गवाक्षीकल्कः १२२४ गोमूत्रयोगः १६७३ चव्यादिकाथः मुख्य गुण सर्व प्रकारकी अर्श पित्तज अर्श "" कषायप्रकरणम् १२४८ गवाक्ष्यादिचूर्णम् १७१९ चित्रकादिक्षारः २३२८ तुम्बर्वादिकं चू. चिकित्सा - पथ-प्रदर्शिनी अश्मरिपातक www.kobatirth.org शर्करा, अश्मरी चूर्णप्रकरणम् ७ अश्मर्यधिकारः सर्व उदररोग शोथोदर उदररोग संख्या प्रयोगनाम १६१८ गुञ्जादिवर्तिः १६२३ गोमय पिण्डादिस्वेद : मस्सोंके लिए सेक २१९२ जालिनीफलवर्तिः मस्से नष्ट होते हैं । ८ उदररोगाधिकारः * मिश्रमकरणम् Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir २३३५ पुषीवीजादि योग शर्करा (शीघ्र गुणकारी है ) त्रिकण्टकादिचूर्णम् अश्मरी ( ७ दिनका प्रयोग ) २३४३ घृतप्रकरणम् २४३९ तृणपञ्चमूलाद्यं घृतम् शर्करा, अश्मरी उदररोग लोहा, शूल, गुल्म, अर्श उदररोग, शूल, गुल्म, अफारा जलोदर तथा यकुल्लीडाधिकार पृथक् लिखा गया है । रसप्रकरणम् १५४३ गन्धकादियोगः अश्मरी, शर्करामूत्रकृ. २७५९ त्रिविक्रमोरस: शर्करा, अश्मरी मुख्य गुण गुदामें रखने से अर्श नष्ट होती है । १७५४ चित्रकलेहः १७५९ चित्रकावलेह : २३२९ तुम्बर्वादिकं चू. उदररोग, शूल, गुल्म, अफारा For Private And Personal १७७९ चित्रकादिघृतम् अवलेहप्रकरणम् घृतप्रकरणम् उदररोग, प्लीहा, गुल्म उदररोग, गुल्म, तिल्ली | कफोदर
SR No.020115
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1928
Total Pages597
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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