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चूर्णप्रकरणम् ]
द्वितीयो भागः।
[ ३३९ ]
AAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAMANANA
चावलों के पानीके साथ सेवन करनेसे पित्तज | (मात्रा १ माशा । अनुपान अदरकका रस बवासीर ( अर्श ) नष्ट होती है।
और शहद) (२३३४) त्रपुसीवीजादियोगः (वं.से.।मूत्र.) (२३३७) त्रिकटुकादिचूर्णप्रयोगः पीतञ्च त्रपुसीवीजं सतिलाज्यं पयोन्वितम् ॥
(वै. जी. । वि. ३ ) खीरेके बीज और तिल के चूर्णको घीमें | सयुक्तो गुडसर्पिभ्यां चूर्णस्त्रिकटुसम्भवः । मिलाकर दृधके साथ पीनेसे मूत्रकृच्छ रोग नष्ट निहन्ति तरसा श्वासं त्रासानिव सतां हरिः॥ होता है।
सोंठ, मिर्च और पीपलके चूर्ण को गुड़ और (२३३५) पुसीवीजादियोगः
धीमें मिलाकर सेवन करनेसे श्वास नष्ट होता है। (यो. र.; वं. से. । अश्म.; वृ.यो. त.।त. १०२) (२३३८) त्रिकटुकादिप्रयोगः त्रपुसीवीजं पयसा पीत्वा वा नारिकेरजं कुसुमम
(वं. से.; यो. र. । स्त्री. ) दृढमूत्रशर्करावान्भवति सुखी कतिपयैर्दिवसैः॥ ___ खीरेके बीजोंको अथवा नारयलके फूलोंको |
| त्रिकटुचातुर्जातककुस्तुम्बरुचूर्णसंयुक्तम् ।
। खादेद्गुडं पुराणं नित्यं नारी मक्कल्लदलनाय ॥ दूधके साथ पीसकर पीनेसे कुछ दिन में ही मूत्र शर्करा ( पेशाबके साथ आने वाली रेत ) नष्ट हो
___त्रिकुटा (सोंठ, मिर्च, पीपल), दाल चीनी,
इलायची, तेजपात, नागकेसर और कुस्तुम्बरु के (२३३६) त्रिकटुकादिचूर्णम् (वै.म.र.पट.३)
चूर्णको पुराने गुड़में मिलाकर सेवन करनेसे मक्कले त्रिकटुकमजमोदा चित्रको हिङ्ग भार्गी ।
| शूल नष्ट होता है। विडमपि सह चव्यं सैन्धवं यावशूकम् ॥ (२३३९) त्रिकट्वादिचूर्णम् अमृतमिति भिषग्भिः पूजितश्चूर्णराजः। (वृ.नि.र.;वं. से.; यो. र. । अम्ल;वृ.यो.त.।त.१२२) कफपवनहन्ता शूलहा दीपनश्च ॥ त्रिकटुकसकण्टकारिपर्पटवारिकुटजवीजानाम् ।
त्रिकुटा ( सोंठ, मिर्च, पीपल ), अजमोद, सौराष्ट्रिकापटोलित्रायन्तीदारुमूर्वाणाम् ॥ चीता, हींग, भारंगी, विडनमक, चव, सेंधा, जवा- तिक्तामृणालमलयजकलिङ्गकैलाकिराततिक्तानाम्। खार और बछनाग विष। समान भाग लेकर चूर्ण | सवचातिविषाकेसरदीप्यकमधुशिवीजानाम् ॥ बना लीजिए।
चूर्ण परं धमिदं पीतं शिशिरेण वारिणा मातः। इसके सेवनसे कफ, वायु और शूल नष्ट होता क्षौद्रेण चाथ लीढं प्रायेणाधोगतं हन्ति ॥ तथा अग्नि दीप्त होती है।
अतिविषममम्लपित्तं पथ्यभुजो वासरै:कैश्चित् ।। १ दध्नेति पाठान्तरम्
२ प्रसबके पश्चात् भलीभांति रक्तस्राव न होनेसे वायुद्वारा हृदय, शिर' और वस्तिमें होनेवाले शूलको "मकल झूल" कहते हैं।
जाती है।
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