SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 328
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org [ ३१६ ] सुहागेको एक दिन काञ्जी में भिगोकर छाया में सुखा लीजिए। इसके पश्चात् उसे एक एक दिन मनुष्यके मूत्र और गोमूत्र में भिगोकर (छाया में सुखाकर ) जम्बीरी नीबूके रसमें डाल दीजिए, और एक दिन पश्चात् निकालकर नारयलके पात्र में ( नरेली में ) रखकर थोड़ासा स्याह मिर्चका चूर्ण मिलाकर ठण्डे पानीसे धो डालिए । इस प्रकार सुहागा शुद्ध हो जाता है । इसे सर्वत्र प्रयुक्त कर सकते हैं । भारत - भैषज्य रत्नाकरः । सुहागा अग्निवर्द्धक, रूक्ष, कफनाशक, रेचक और लघु है । ग्रन्थिकं दहनमूलसमेतम् ॥ एकशश्च पलिकैरिह वै मर्दितं सुवलितं गुरुहिकाम् । श्वासकासमुदरं चिरमेहान् पाण्डुरोग यकृतीगलरोगान् ॥ इति टकारादिमिश्रमकरणम् । (२२०६) डामरेश्वराभ्रम् (भै. र. । हिक्का.) मेचकं पलमितं मृतमभ्रं ब्रह्मयष्टिकनकामृतवासाः । कासमर्दवननिम्बकचव्यं [टकारादि मिश्रमकरणम् (२२०५) टिण्डुकादिपुटपाकः x (हा. सं. । स्था. ३ अ. ३ ) टिण्डुकत्वचमाहृत्य काश्मीरीपत्रवेष्टितम् । मृदा विलिप्य विधिवद्दन्मृद्वनिना भिषक् ॥ गृहीत्वा मधुसंयुतं पानं सर्वातिसारन्नश्च ॥ सोनापाठा ( श्योनाक ) वृक्षकी छालको कूटकर खम्भारीके पत्तोंमें लपेटकर सुतलीसे बांध दीजिए फिर उसके ऊपर मिट्टीका १ अंगुल मोटा लेप करके मृद्वग्नि ( भूबल ) में दबा दीजिए । मिट्टीका रंग लाल हो जाय तो भीतरसे छालको निकालकर रस निचोड़ लीजिए । इस रसमें शहद डालकर पीने से सर्व प्रकार के अतिसार नष्ट होते हैं । अथ डकारादिरसप्रकरणम् । ड Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir शोथमोहनयनास्यजरोगं यक्ष्मपीनसगरं बलसादम् । गण्डमण्डल व मिभ्रमदाहं प्लीहशुल विषमज्वरकृच्छ्रम् ॥ हन्ति वातकफपित्तमशेषं द्वन्दरोगमनुपान विशेषैः । डामेश्वरमिदं महदभ्रं पूर्ववैयगदितं सुखहेतु || ५ तोले कृष्णाभ्रक भस्म तथा ५ तोले For Private And Personal
SR No.020115
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1928
Total Pages597
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy