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चिकित्सा-पथ--प्रदर्शिनी
३७८
रसायन-बाजीकरणाधिकार
संख्या प्रयोग-नाम प्रधानगुण संख्या प्रयोग-नाम प्रधानगुण ७०२ कामदेव चूर्ण वीर्यविकार,मूत्रदोष, रसायन
क्षय, अम्लपित्त नाशक ७१७ कुङ्कुमादि अनेकरोग
४११ आमलकी रसायन आयुवर्द्धक, जरा, व्याधि
नाशक गुटिका
४१२ ,, ,, आयुवईक, जग,व्याधिनाशक १०६ अनङ्गमेखला गुटिका स्तम्भक, कामवर्द्धक
| ४१३ , ,, आयुवक, जग,व्याधिनाशक १०७ ,, ,, मोदक .. ,, और
४१४ आमलकी ,, ,, यौवनदाता स्मृतिवर्द्धक अनेक रोग नाशक
४१५ आमलक रसायन आयु, बुद्धि, बलादि ११६ अभ्रवाटिका खांसी, क्षय, स्वास, वात,
वर्द्धक, रसायन कफ आदि अनेक रोग, | ४१६ आमलकायस ,, आयु, बुद्धि, बलादि वाजीकरण, रसायन
वर्द्धक, रसायन १२२ अमृत वर्तिका रोगमूह नाशक | ४१७ आयुर्वर्द्धक प्रयोग अर्श, ति,स्मृति,मेधा १२३ अमृतसागर गुटिका , ,
आयुवक १२७ अर्जकादि वटिका स्तम्भक, वृप्य ४१८ , आयुवर्द्धक, आश्चर्यकारक ७४६ कस्तूरी गुटिका प्रमेह, शिथिलता, ८१३ कपिकच्छू पाक बलवीर्य-वर्द्धक
वीर्यविकार ८१७ केसर पाक बलवीर्य कामवर्द्धक । वात७५२ कामदेव वटी महाराज हम्भीर के लिए
व्याधि, वातरक्तादि नाशक बनाई गई थी,वाजीकर,रसायन ८१८ काँच , बल, वीर्य, पुष्टि, बुद्धि ७५३ कामसुन्दर मोदक बाजीकर, रसायन
बर्द्धक, वातव्याधि, प्रमेह ७५४ कामाग्निसन्दीपन मो० अनेक रोग
आदि नाशक ___ अवलेह
१०७८ खण्डखाद्य रसायन क्षय, खांसी, अरचि
शीतपित्त, अम्लपित्त,वात१४३ अभयामलकी रसायन ग्रहणी आदि रोग
रक्त,रक्तपित्त,कुष्ठादिनाशक नाशक, आयु, तेज, बल.पुष्टि,
घृत मेधा, रमृति आदि वर्द्धक
| १७२ अश्वगन्धादि शुक्रदोष, गर्भदोप, वातव्याधि १५२ अश्वगन्धा पाक ज्वर, शोष, गुल्म, पित्त,
नाशक, रसायन, वाजीकरण वायु, रसायन
४२० आमलक घृत वन्ध्यत्व, जरा नाशक, १५३ , , खांसी, श्वास, वातरक्त
आयुवर्द्धक ग्रहणी
रस १५५ अहिफेन ,, अत्यन्त वाजीकरण २८८ अनङ्गनिगड रस अत्यन्त वाजीकरण, ४०५ आम्रपाक वाजीकरण, पौष्टिक,ग्रहणी,
रसायन, रोगपुंज नाशक
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