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चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनि
३७५
मुखरोगाधिकार
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३८ मुखरोगाधिकार संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण कषाय
गुटिका ५६७ कटुकादि कण्ठ रोग नाशक ६१७ कण्ठ्य महाकषाय ,
७६२ कासीसादि गुटी दांतों के कृमि ६३७ काश्चनार काथ जीभ फटना
१०६६ खदिरादि ,, मुखरोग चूर्ण
१०६८ ,, ,, जिह्वा, दांत, गला, मुख, ६८४ कणाद्य दांतो का हिलना, पीड़ा,
होंट और तालु के रोग सूजन, खूनजाना १०७० खदिर , सुख को सुगन्धित और ७०४ कालक दांत, गले और मुख के
स्वर को उत्तम करती है
मुखरोग नाशक,वाजीकरण ७०६ कासीसादि शीताद (दन्तरोग विशेष) १०७२ , , दन्तशूल, शौषिर्य, ७१३ कुष्ठादि दांतोंका शूल, खुजली,
दन्तकृमि दुर्गन्धि, मुखरक्तस्राव
पाक, दाह, मुंह का ७२२ कृष्णादि चर्वणम् मुंहका पकना, घाव,
१०७३ , ,, मुखरोग
कड़वापन
दुर्गन्धि
__३९ मूत्रकृच्छ्र, मूत्राघाताधिकार कषाय
| ६९५ कर्कटीबीजादि पेशाब बन्द होना १३ अमृतादि क्वाथ(५)मूत्र कृच्छ्, वायु, शूल ७१८ कुष्माण्डवीज योग ,, ,, ,, ३६३ आमलक्यादि ,, दाह, रक्तपित्त,शूल, ३६५ , योग पेशाब बन्द होना
५०० उशीरादि मूत्राघात, मूत्रकृच्छ्र, ५४७ एरिबीजादि पैतिक मूत्रकृच्छू
पथरी, वातपित्त ६५३ कुटजयोग मूत्रकृच्छ्र
शर्करा, पथरी, मूत्रकृच्छु
८७५ कुशादि चर्ण
प्रदर, योनीशूल ५५७ एलादि (४) कफज मूत्रकृच्छ्र ५५८ , (५) दुस्साध्य , ५६० , (७) , " ७४१ कर्पूरवति पेशाब बन्द होना
गुटिका
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