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www.kobatirth.org गाढ होय ? [उ.] अनन्ता प्रदेशो अवगाढ होय. बाकी बधुं धर्मास्तिकायनी पेठे जाणवू. व्याख्या-रा जस्थ णमंते ! एगे पोग्गलस्थिकायपएसे ओगाढे तत्थ केवतिया धम्मत्थिकाय ?, एवं जहा जीवत्थिकायपएसे १३शतके
तिहेव निरवसेसं । जत्थ णं भंते ! दो पोग्गलस्थिकायपदेमा ओगाढा तत्थ केवतिया धम्मथिकाय.?, सिय एको उदेशः५ ॥२१६८० सिय दोन्नि, एवं अहम्मथिकायस्मवि, एवं आगासस्थिकायस्मवि, सेसं जहा धम्मत्थिकायस्स । जत्थ ण भंते !
का११६८॥ तिन्नि पोग्गलत्थि तत्थ केवहया धम्मत्थिकाय?, सिय एको मिय दोन्नि सिय तिन्नि, एवं अहम्मत्थिकायस्सवि, एवं आगामयिकायस्सवि, सेसं जहेब दोण्हं, एवं एकेको वड्रियन्वो परसो आइल्लपाहिं तिहिं अस्थिकाएहिं, सेस जहेव दोण्हं जाब दसण्हं सिय एको मिय दोन्नि सिय तिन्नि जाव सिय दस, संखेजाणं मिय एको सिय दोन्नि जाव सिय दम सिय संखेजा, अमंखेजाणं मिय एको जाव सिय मज्जा सिय असंखेना, जहा असंखेना एवं अणतावि । जत्थ ण भंते ! एगे अद्धाममए ओगाढे तन्थ केवतिया धम्मस्थि: ?, एको, केवतिया अहम्मस्थि ?, | एक्को, केवतिया आगासथि० १, एक्को, केवइया जीवस्थि. ?, अणंता, एवं जाव अद्धासमया ।
[प्र०] हे भगवन् ! ज्यां पुद्गलास्तिकायनो एक प्रदेश अवगाढ होय न्यां धर्मास्तिकायना केटला प्रदेशो अबगाढ होय ? [उ०] ए प्रमाणे जेम जीवास्तिकायना प्रदेश संबन्धे कयु तेम बधुं कहे. [प्र.] हे भगवन् ! ज्यां पुद्गलास्तिकायना बे प्रदेशो अवगाढ होय त्यां धर्मास्तिकायना केटला प्रदेशो अवगाढ-रहेला होय? [उ०] कदाच एक प्रदेश अवगाढ होय, अने कदाच चे प्रदेशो अवगाढ होय. ए प्रमाणे अधर्मास्तिकाय संबन्धे पण जाणवं. ए प्रमाणे आकाशास्तिकाय संबंधे पण जाण. बाकी बधुं (जीवास्तिकाय,
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