SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra व्याख्याप्रयतिः ॥११२९ ॥ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir जघन्यथकी एक, वे के ऋण अने उत्कृष्टथी संख्याता नारको उत्पन्न थाय छे, २ जघन्यथी एक वे के त्रण, अने उत्कृष्टथी संख्याता कापोतलेश्यावाळा उत्पन्न धाय के, कारणके प्रथम नरकपृथिवीमां कापोतलेश्या होय . ३ जघन्यथी एक, वे के त्रण अने उत्कृ टथी संख्याता कृष्णपाक्षिक जीवो उत्पन्न थाय छे, ए प्रमाणे शुक्लपाक्षिक संबंधे पण जाणवुं, ए रीते संज्ञी अने असंज्ञीने पण कहेतुं, प प्रमाणे भवसिद्धिक अने अभवसिद्धिक जीवो पण जाणवा. मतिज्ञानी, श्रुतज्ञानी, अवधिज्ञानी, मतिअज्ञानी, श्रुतअज्ञानी, विभंगज्ञानी ए सर्व ए प्रमाणेज उत्पन थाय छे. चक्षुदर्शनावाळा जीवो उत्पन्न थता नथी. जघन्यथी एक, वे अथवा त्रण अने उत्कृष्टथी संख्याता अचक्षुदर्शनवाळा जीवो उत्पन्न थाय छे. (कारणके उत्पत्ति समये सामान्य उपयोगरूप अचक्षुदर्शन छे.) एम अवधिदर्शनवाळा पण जाणवा. ए रीते आहार संज्ञाना उपयोगबाळा अने यावत् परिग्रह संज्ञाना उपयोगवाळा पण ए प्रमाणे उत्पन्न थाय छे. स्त्रीवेदवाळा अने पुरुषवेदवाळा जीवो ( भवप्रत्यय नपुसंकवेद होवाथी ) उत्पन्न थता नथी. जघन्यथकी एक, वे के त्रण अने उत्कृष्टथी संख्याता नपुंसकवेदी उत्पन्न थाय छे. ए प्रमाणे क्रोधकषायी, अने यावत् लोभकषाथी जाणवा. श्रोत्रेन्द्रियना उपयोगवाळा उत्पन्न थता नथी, अने यावत् स्पर्शनेन्द्रियना उपयोगवाळा पण उत्पन्न थता नथी. जघन्यथी एक, वे के ऋण अने उत्कृष्टथी संख्याता नोइंद्रियना उपयोगवाळा उत्पन्न धाय है. मनयोगी अने वचनयोगी उत्पन्न धता नथी. जधन्यथी एक, बे | अने त्रण तथा उत्कृष्टथी संख्याता काययोगबाळा उत्पन्न थाय छे. ए प्रमाणे साकारोपयोगवाळा अने ए रीते अनाकारोपयोगवाळा पण उत्पन्न थाय छे. इमीसे णं भंते । रयणप्पभाए पुढवीए तीसाए निरयावास सयमहस्सेसु संखेज्जवित्थडेसु नरएस एगसम एणं For Private And Personal १२ शके उद्देशः १ ॥। ११२९ ॥
SR No.020110
Book TitleBhagvati Sutram Part 05
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1940
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy