________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir
5+
Pायमा अनिद्रियो माटे प्रथम भांगो न कहेवो. त्यां जे अरूपी अजीवो रहेला छे ते छ प्रकारना छ अने अद्धासमय ( काळ) नथी. व्याख्याप्रशतिः
४ बाकी बधुं तेज प्रमाणे जाणवं. [प्र०] हे भगवन् ! लोकना दक्षिण दिशाना चरमांतमा (दक्षिण बाजुना छेडाने अंते) जीवो छइत्यादि सर्व पूर्व प्रमाणे पूछबु [उ०] पूर्व प्रमाणेज वधु कहे, अने ए प्रमाणे पश्चिम चरमांतमा तथा उत्तर चरमतिमा पण सम
उमेश ॥१४०६॥
C२४०६ | जg. [प्र०] हे भगवन् ! लोकना उपरना चरमांतमा जीवो छे-इत्यादि पृच्छा. [उ०] हे गौतम ! त्यां जीवो नधी, पण जीवदेशो
छे, जीवप्रदेशो छे, यावत्-अजीवप्रदेशो पण छे.जे जीवदेशो छ ते अवश्य एकेंद्रियोना देशोअने अनिद्रियोना देशो छे. १ अथवा हा एकेंद्रियोना देशो, अनिद्रियोना देशो अने बेइंद्रियनो एक देश छे. २ अथवा एकेंद्रियोना देशो अनिद्रियोना देशो अने बेइंद्रियोना | देशो छे, एम वचला भांगा सिवायना त्रिकसंयोगी वीजा बधा भांगा कहेवा. ए प्रमाणे यावत्-पंचेंद्रियो सुधी कहे. त्यां जे जीवप्रदेशो छ ते अवश्य एकेंद्रियोना प्रदेशो अने अनिद्रियोना प्रदेशो छे. १ अथवा एकेंद्रियोना प्रदेशो, अनिद्रियोना प्रदेशो अने एक बेइंद्रियना प्रदेशो छ. २ अथवा एकेंद्रियोना प्रदेशो, अनिद्रियोना प्रदेशो अने बेइंद्रियोना प्रदेशो छे. ए प्रमाणे प्रथम मांगा सिवायना बीना बधा भांगा कहेवा. तथा ए प्रमाणे यावत्-पंचेंद्रिय सुधी जाणवु. अने दशमा शतकमां कहेल तमा दिशानी वक्तव्यता प्रमाणे अहीं अजीबोनी वक्तव्यता कहेवी.
लोगस्स णं भंते ! हेडिल्ले चरिमंते किं जीवा० पुच्छा ?, गोयमा! नो जीवा जीवदेसावि जाव अजीवप्पए-है सावि, जे जीयदेसा ते नियम एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेमा य बेइंदिरास्स देसे अहवा एगिदियदेसा य दियाण य देमा एवं मज्झिल्लविरहिओजार अणिदियाण पदेमा आइल्लविरहिया सव्वेसिं जहा पुरच्छिमिल्ले चरि
+
+
For Private And Personal