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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीधर-भाषा-कोष (परिवर्द्धित और परिमार्जि / संस्करण) आकार 204303, पृष्ठ-संख्या 650; मूल्य सजिल्द 3) श्रीधर-भाषा-कोष का यह कि जकुल नया और अप-टू-डेट संस्करण है। पिछले संस्करण से अब यह आकार-प्रकार में बहुत बढ़ गया है। विद्यार्थियों, शिक्षकों और साधारण हिंदी-प्रेसी जनता के बहुत उपयोग का है। इसमें हिंदी के प्रायः सभी प्रचलित शब्दों और मुहावरों का समावेश किया गया है। यथालाध्य शब्दों की उत्पत्ति और उनका निर्माण भी दिखाया गया है। कोष के अंत में लगे हुए कई परिशिष्टों ने सोने में सुगंध का काम किया है / परिशिष्ट 1 में प्राचीन भौगोलिक नामों के आधुनिक नाम; परिशिष्ट 2 में संस्कृत के प्राचीन कवियों और ग्रंथकारों का संक्षिप्त परिचय; परिशिष्ट 3 में हिंदी के नए और पुराने साहित्यसेवियों का संक्षिप्त परिचयः परिशिष्ट 4 में प्राचीन और अर्वाचीन वीरांगनाओं और विदुषियों का संक्षिप्त परिचय; परिशिष्ट 5 में व्याकरण-संबंधी शावश्यक बातें, जैसे-क्रिया, प्रत्यय, तद्धित, कृदंत, अव्यय आदि विषयों को सरल और सुबोध रीति से समझाया है / यह कोष सांगपूर्ण कहा जा सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी और शिक्षक के लिये तो यह एक अनमोल रत्न है / पुस्तकालयों में इसका होना आवश्यक है। नोट-वारा Serving Jinshasan मैनेजर न 091264 पो, लखनऊ. gyanmandirokobatirth.org For Private and Personal Use Only
SR No.020100
Book TitleBhagirath Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDinanath Kaul
PublisherNavalkishor Press
Publication Year1930
Total Pages350
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size8 MB
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