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“अवसादक
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अवसादक
उपयोग-क्लोरल हाइड्रेट, ब्रोमाइड स, फाइसाष्टिग्मीन,केलेबार बीन, प्रोपियम्, कैनाबिस इण्डिका और क्लोरोफार्म या ईथर (अाघ्राण द्वारा ) टेटेनस प्रभृति प्राक्षेप युक्र रोगों में सामान्यतः प्रयुक्र होते हैं।
(ख) वे औषधे जो सु पुम्णा की परावर्तित गति को पेचीदा रूप से शिथिल करती हैं।
ऐसी दवाएँ सौपुम्नीय रक्कसक्रमण को अवरुख कर स्वप्रभाव प्रदर्शित करती हैं। ये निम्न है
एकोनाइट ( वत्सनाभ), डिजिटेलिस और कीनीन, अधिक परिमाण में इनका अत्यन्त प्रबल प्रभाव होता है। .
(५) नासिकावसादक-( Nasal sedatives) मुसक्किन्नात अन्क्र-अ०। वह औषध जो नासिका की श्लैष्मिक कला के क्षोभ को निवारण कर उस पर शामक प्रभाव करें। जैसे बिस्मथ साल्टस अकेले या मीन एवं कोकीन प्रभतिके साथ और अन्य व्याप्तावसमताजनक औषध जैसे इपीकेक्वाना कम्पोजिटा तथा एकोनाइट ( वत्सनाभ ) प्रभृति ।
( ६ ) हृदयावसादक-( Cardiac sedatives or depressants) मुज़. इफ्रात कल्व-अ० वह औषध जो हृदय की गति को या उसकी शनि या उन दोनों को निर्बल करती हैं। निम्न लिखित औषधे हृदय की श्राकुचन शक्ति को घटाती हैं । फलतः वह प्रसार की दशामें ही गति करने से रह जाता है। वे यह हैं
डायल्यूट एसिड स, मस्केरीन, एपोमार्फीन, . पाइलोकार्पान, सेपोनीन, झोरल, सैलीसिलिक एसिड,ऐलकलाइन साल्ट्स, डब्ल कॉपर साल्ट्स
और डबल जिंक साल्ट्स अधिक मात्रा में प्रयुक्त करने से।
निम्नलिखित औषधे हृदय की गति एवं शक्ति दोनों को घटाती हैं
एकोनाइट ( वत्सनाभ ), हाइडोस्यानिक, |
एसिड डाइल्यूट, ऐण्टिमनी साल्ट्स (मञ्चन के लवण ), वेरेट्रीन, और अर्गट प्रभृति ।
उपयोग-प्रादाहिक रोगों में मुख्यतः नाड़ी की गति को मन्द करने के लिए एकोनाइट का प्रयोग करते हैं । ऐण्टिमनी साल्ट्स फुप्फुस एवं वायुप्रणाली के उग्र प्रदाह की दशा में हितकर होते हैं। जब अजीण के कारण पैल्पिटेशन ऑफ दी हार्ट (हृदय का धड़कना) विकार होता है। तब हाइडोस्यानिक एसिड के प्रयोग से विशेष लाभ होता है।
हृदयावसादक औषध-प्रोपियम् ( अहिफेन), एपोकाहनम् ( अमरीकीय भंग ), एका लारोसेरेसाई, एमाइल नाइट्रिस, ऐण्टिमोनियम् टार्टरेटम्,बेलाडोना, डिजिटेलिस, स्पिरिटस ईभरिस नाइट्रोसाई, स्टे मोनियम (धर र ), सिल्ला (वनपलांडु), सोडियाई नाइट्रिस, कोनायम (शूकरान ), नाइटोग्लीसरीन, वेरेट् म् वरीडी, हायोसाइमस (अजवाइन खुरासानी), उशीर, गुडूची, एसिड ऐसीटिकम् ( सिरकाम्ल ), एसिडम् साइट्रिकम् ( जम्भीराम्ल ), एसिडम् श्राग्ज़ोलिकम् (चुकाम्ल), एसिडम् टार्टारिकम् (अम्लिकाम्ल ), लिमनिस सक्कस ( निम्बुक स्वरस ), ऐण्टिमोनियाई ऑक्साइडम् ( अञ्जन ऊप्मिद वा भस्म), ऐण्टिमोनियम सल्फ्युरेटम्, ऐण्टिमोनियाई क्लोरोडाई लाइक्वार, ऐरिटमोनियम् नाइग्रम्, ऐरिटमोनियम् प्योरिफिकेटम्, एकोनाइटीन ( वत्सनाभीन ), सिमिसिफ्युगा रिज़ोमा, डिजिटेलिनम्, लोवेलिया ( अरण्य तम्बाकू), स्टेफीसेग्राई सेमिना, टैबेसाई फोलिया, विरेट्राई विरिडिस रैडिक्स, विरेटम ऐल्बम् ।
(७) फुप्फुसीय वा श्वासोच्छवास अवसादक-(Pulmonary or respiratory sedatives)इसके निम्न लिखित कतिपय भेद हैं
(क) अवसादक लखलने (Sedative ___ Inhalations )- ललनात मुसकिन,
लखलख़हे मुसकिन-अ० । इन औषधों के वाष्प वायुप्रणालीस्थ श्लैष्मिक कला के
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