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अक्सानक
नवसादक avasádak - हिं० संज्ञा पु ं० [सं०] .. वह श्रौषध जो बढ़े हुए दोषों की ऊष्मा एवं चोभ को शमन करे अथवा वह जो धात्ववयविक क्रिया - को अवसित करे । उदाहरणतः - ( १ ) त्रात. केन्द्रिक क्रिया, यथा ताम्रकूट ( तम्बाकू ), लोबेलिया अरण्य तम्बाकू ), ब्रोमाइड ऑफ पोटाशियम प्रभृति, ( २ ) रक्तसञ्चालन सांस्थानिक क्रिया, यथा वत्सनाभ, वेराट्रम्, टार्टर एमेटिक, भूसिक एसिड प्रभृति; ( ३ ) सौषुम्न - काण्ड क्रिया, यथा- कालाबार बीन, इत्यादि ।
पर्याय- शामक, चोभहर, संशमन, निर्बलताजनक- दि० | सिडेटिज्ञ Sedatives, डिप्रे सेण्ट्स Depressants- इं० । मुमकिन, सु. ज्ञ्इफ़ - ० ।
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अवसादक श्रोषधों को निम्न लिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है । यथा
(१) सार्वाधिक वा व्याप्त श्रवसादक(General sedatives) gafara उमूमी ० ।
ये निम्न हैं
पूर्ण मादक (Narcotics ) तथा अवसन्मत्ताजनक ( Anaesthetics ) औषधे कथा ओपियम ( अहिफेन ), मॉर्फिया शेप द्वारा ), कोरल, हायोसायमस ( अजवाइन खुरासानी ), जल तथा रक्र मोक्षण ।
अन्तः
(२) स्थानिक अवसोदक ( Sedatives) - मुनित मुक्कामी- अ० ।
ये निम्न हैं
ओपियम् (अहिफेन ), ऐट्रोपीन, एसिड कार्बोलिक एसिडम हाइड्रोस्थानिकम् डायल्युटम्, बोरेक्स ( टंकण ), बिलाडोना, लम्बाई एसीटास,
बाई कार्बोनास, क्रियोज़टम्, क्रोरल, लाईक्कार लम्बाई सब एसिटेटस डायल्युटस, मॉर्फीन (अहि(फेनीन ) और अनस्थेटिक्स श्रवसन्नताजनक औषध ) तथा ऐनोडाइन्स ( अङ्गमईप्रशमन ) ।
( ३ ) मस्तिष्क अवसादक - ( Cere"bral Sedatives or depressants ) मुहात दिमाग़ अ० ।
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अवसादक
इसके उपयोग से मास्तिष्कीय रक्तसंक्रमण शिथिल हो जाता है एवं मास्तिष्कीय शक्तियाँ निर्बल हो जाती हैं अर्थात् उनकी क्रियाओं में शिथिलता उपस्थित हो जाती है। ऐसी श्रौषधों को निम्नलिखित चार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, यथा
( १ ) निद्राजनक ( Hypnotics ), ( २ ) मादक वा संज्ञाहर ( Narcotics.), (३) सार्वगिक अंगमई प्रशमन (General anodynes) और सार्वगिक श्रवसन्नताजनक ( General anesthetics )।
नोट - इनके पूर्ण विवेचन के लिए यथा स्थान देखो |
( ४ ) सौषुम्न श्रवसादक ( कंसेरूकामज्जा अवसादक ) Spinal sedatives or depressants )- मु जुइफ़ात नुस्खा - अ० ।
ऐसी श्रीषधे सुषुम्णाकांड के एण्टेरी अर्कानुवा के व्यापार को शिथिल करती हैं अर्थात् उसकी तीव्रता ( activity ) को घटाती हैं। इनका सरल प्रभाव होता है अथवा परावर्तित रूप से और इनका यह प्रभाव सौषुम्नोत्त जक औषधों के विपरीत होता है ।
वह औषध जो सुषुम्णा की परावर्तित गति को शिथिल करती है ।
(क) क्लोरल हाइड्रेट, ब्रोमाइड्स, फाइसाष्टिग्मीन, क्लोरोफार्म*, ईथर, कैनाविस इंडिका ( भंग ) * श्रोपियम् ( अहिफेन ), एपोमॉर्फीन, वेरेट्रीन, एमेटीन, ऐलकोहल ( मद्यसार ), अर्गट, गे (जे ) लसीमियम्, सेपोनीन, एमाइल नाइट्रेट, सोडियम नाइट्रेट, कैम्फर (कपूर), मर्करी ( पारद ), ऐण्टिमनी ( अञ्जन ), सोडियम, पोटासियम्, लीथियम्, सिल्वर (रजत), श्रार्सेनिक ( सखिया )*, ज़िंक ( यशद ), कार्बोलिक एसिड, टर्पेनटाइन ( तारपीन का तेल ), कॉल विकम् ( सूरिञ्जान ) और कावारूट |
नोट- जिन श्रौषधों पर ये (*) चिह्न लगे हैं उनका पूर्व प्रभाव सूक्ष्मोत्तेजक और श्रवसादकोत्तर प्रभाव होता है ।
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