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अम्राज़ शक्लिय्यह
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अम्रातः,-का
अम्राज़ शक्लिय्यह amraz-shakliyyah-अ० रूप में परिणत हो जाता है । ये रोग चार प्रकार
वे व्याधियाँ जिनमें विकृतावयव का प्राकृतिक के होते हैं, यथा-(१) हाद कामिल या हाह स्वरूप परिवर्तित हो जाए, जैसे - इस्तिस्काउर्रास फ़िलगायत अर्थात् अत्यन्त उन व्याधि जिसकी (मास्तिष्कीय जलन्धर अर्थात् जल संचय वा अवधि अधिकसे अधिक चौथे दिन तक होती है। शोथ) में सिरका चिपटा हो जाना या पृष्ठ आदि (२) हा मुत्वस्सित या हाद्द दूनुलगायत, वह में कूबड़ निकल पाना ।
उन व्याधि जिसकी अवधि सातवें दिन तक होती अाम्राज शिर्किय्यह amaz-shirkivvah है । (३) हा मुत्लक वह तीब्र व्याधि जिसकी
-अ० वे व्याधियाँ जो अन्य रोगो के सहयोग अवधि चौदहवें से बीसवें दिन तक होती है। ' द्वारा उत्पन्न हों। सहचारी रोग ।
(४) हाह मुन्तकिल या हाह मुजमिन, वह अम्राज़ सफायह अजाsamraz-safivah- उग्र व्याधि जिसकी अवधि इक्कीसवें दिवस से
aazaa-अ० वे रोग जिनमें अवयवों के धरा. उन्तालीसवें दिवस पर्यन्त होती है। अम्रा जहाह तल की प्राकृतिक दशा बदल जाए। उदाहः ( उग्र व्याधियों ) के मुकाबिले में अम्रा ज़ रणतः-जो धरातल प्राकृतिक एवं स्वाभाविक | मुमिनह (पुरातन व्याधियाँ) हैं, जिनकी रूप से चिकना था वह खुरदरा हो जाए और जो अवधि चालीस दिवस अथवा इससे अधिक होती प्राकृतिक तौर पर खुरदरा था वह चिकना हो है। एक्यूट डिज़ीज़ेज़ ( Acute disea. "आए, जैसे-आमाशय के भीतरी धरातल का ses.)-इं०।
चिकना हो जाना या फुप्फुस के चिकने धरातल नोट-(१)म.जहाद कामिल व हाद्द मुत्वस्सित • का खुरदरा हो जाना।
व हाइ मुत्लक को डॉक्टरी में एक्यूट डिज़ीज़ेज़ अम्राज सलीमह amraz-salimah-अ० सुख- (Acute diseases. ) और हाद्द मुमिन
साध्य रोग जिनमें कोई बात उचित उपचार की को सब एक्यूट (Sub acute.) और मज विरोधी न हो।
मुमिन को क्रॉनिक डिज़ीज़ेज़ (Chronic अम्राज साज़िजह. amaz.sazijah-अ० diseases.) कहते हैं। साधारण रोग जो किसी दोषके कुपित होने से न
- (२) डॉक्टरी में हाद मुषिमन रोगों के लिए हो।
अवधि की कोई सीमा नहीं, प्रत्युत रोगके लक्षणों अनाज़ सारियह amaz-sāriyyah-अ.
की उग्रता व सूक्षमता से ही उनको हाद्द व देखो-अम्राज़ मुतअहियह । ( Infectious
मुज्मिन कहा जाता है। देखो-मर्ज हाद्द व Diseases.)
मज़ मुज़िमन । 29129377*fa amráz-súuttarkib-70
वे साधारण रोग जो प्रथम मिश्रितावों में अनाज़ हाहह, जद्दन amaz-haddah. उत्पन्न हों, जैसे-संधिभ्रंश ।
jaddan-अ० अत्यन्त उग्र व्याधि । देखोअम्राज़ सूय मिज़ाज amraz-suya-mizaj
अम्राज़ हाद्दह । -अ० वह साधारण रोग जो प्रथम साधारण अम्राज़ हाद्दतुल् मुज़िमनातamraz-haddaअववयों में उत्पन्न हों, जैसे-वाततन्तु का उष्ण tul-muzminat-अ० वे उग्र व्याधियाँ या शीतल होजाना । देखो-म.ज सूयमिज़ाज ।
जिनकी अवधि २१ दिन से ३६ दिन तक हुआ अम्राज़ हाइह, amraz-haddah-अ० (उप्र) करती है। देखो-अम्रज हाहह. व्याधियाँ, कठिन रोग, वे तीक्ष्ण व्याधियाँ जिन- अम्रातः,-कःamratah-,kah-सं०० अम्बाड़ा। की अवधि थोड़ी होतीहै अर्थात् ४० दिवसके भीतर Hogplum ( Spondias mangiभीतर था तो रोग दूर हो जाता है अथवा रोगी fera.) श० मा० । त्रिका० । देखोको मृत्यु हो जाती है या रोग चिरकारी (पुरातन) आन्नातकः ।
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