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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अम्राज मुरकबह. अम्राज वाफिज़ह प्रत्युत स्वयं अकेले हो । सिम्पल डिज़ीज़ेज़ | अम्राज व अअ.राज़ मुन्जिरह, amraz-va (Simple Diseases)-इं० । aaraz-munzirah-अ० वे रोग व लक्षण शाम्राज मुरझवह amraz-murakkabah जो किसी अन्य रोगका भय दिलाएँ, उदाहरणतः -अ० मुरकब बीमारियाँ। यौगिक वा मिश्रित स्थाई मूच्छो ताकालिक मत्यु का मुन्जिरह व्याधियाँ, इस प्रकार की व्याधियाँ कतिपय रोगों ( पूर्वरूप ) होती है या काब्रूस जो अपस्मार व के योग द्वारा उत्पन्न होती हैं और इनका नाम श्रद्धांग प्रभृति के उत्पन्न होने का भय दिलाता व चिकित्सा विशेष होती है। __उदाहरणत:-शोथ प्रकृति विकार, संधि अम्राज़ व ज़अ amraz-vazaa-० वे रोग जिन च्युति और म जत्तीब के पारस्परिक योग द्वारा में विकृतावयवकी स्थितिमें अन्तर उपस्थित होजाए, उत्पन्न होता और एक ही नाम (शोथ ) से इसके २ भेद हैं-(१) मौ ज़ई. ( स्थिति संबन्धी)' पुकारा जाता है। विपरीत इसके यदि समग्र देह और ( २ ) मुशारिकी (सहचारी, संबंधीय)। . या किसी विशेष अवयव में कतिपय बीमारियाँ ___ पुनः मौ ज़ई. के चार रूप हैं-(१) किसी एकत्रित हो जाएँ, पर उनके समवाय का नाम व अवयव का निज स्थान से उखड़ जाना, (२) चिकित्सा विशेष न हो तो उन्हें मर्जमुरक्य अवयव का अपनी संधि में गति करना, (३) (मिश्रित रोग) नहीं कहते, प्रत्युत अम्रा जा स्थिर अवयव का गतिशील होना, जैसे—कम्पन मुजतमत्रह, (सामूहिक) नाम से अभिहित करते वायु (रैशा ) में सिर हिलना, (४) गतिशील : हैं । जैसे-ज्वर, कास और जलोदर। अवयव का स्थिर होजाना, जैसे-तह ज्जर " कम्प्लिकेटेड डिजीज़ज़ ( Complicated मुफ़ासिल (संधि काठिन्य ) में संधियों का गति Diseases)-इं०। न कर सकना । मम्राज मुशारिकह. amraz-musharikah मुशारकी के दो रूप हैं-(१) एक अवयव : -१० वह रोग जो किसी अवयवके समीप अथया का अपने निकटस्थ अवयव से दूर हो जाना । दर होने के लिहाज से उत्पन्न हो। उदाहरण स्वरूप-एक अंगुली का टेढ़ा होकर उदाहरणत:--एक अंगुली का अपनी दूसरी अंगुली से न मिल सकना या कठिनतानिकटस्थ दूसरी अंगुली से कठिनतापूर्वक मिलना पूर्वक मिलना और ( २) एक अवयव का या न मिल सकना । देखो-अम्राज़ व ज़। दूसरे अवयव से जुड़ जाना या मिलजाना । अम्राज मुश्तर्कह. amrar-mushtarkah उदाहरणतः-दो अंगुलियों का जुड़ जाना या -प्र० अम्रा ज़ आम्मह, वह रोग जो साधारण म.ज शिनाक में नेत्र का कठिनाई से खुलना । एवं मिश्रित प्रत्येक अवयव में उत्पन्न हो । अम्राज़ वबाइय्यह, amraz-vabaiyyah अम्राज मुसल्लमह. amraz-musallamah -अ० महामारी, वबाई बीमारियाँ, वे रोग -० अम्रा जा सलीमह, वे रोग जिनके उचित जिनमें एक ही काल में बहुत से मनुष्य तथा उपयुक्त उपाय में कोई बात अवरोधक न रोगाक्रान्त हो जाएँ, जैसे—प्लेग, विसूचिका प्रभृति । एपिडेमिक डिज़ीज़ोज़ ( Epidemic सम्राज़ मुस्तासियह amraz-mustaasi. diseases ) vah-० असाध्य रोग। इन्क्योरेबल डिजी- | अम्राज वाफ़िज़ह. amaz-vafizah-अ० जेज़ ( Incurable Diseases )-इं। वे छूतदार ( संक्रामक ) रोग जो किसी विशेष अम्राज मुस्निय्यह. amraz-musriyyah स्थान या जाति से संबंध न रखते हों । देखो__ -अ० देखो अम्राज मुतअद्दियह । अम्राज तारियह । अम्राज़ मूमनह amriz-mumanah-१० एन्डेमिक डिज़ीज़ेज़ ( Endemic Disवे रोग जो अन्य रोगों से मुक्रि दिलाएँ। eases) ई०। . For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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