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अमोनियाँ
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( मद्यसार ) मिलादे जिसमें कुल द्रव्य पूरा २० ल ुइड ग्राउस होजाए ।
( ५ ) लिनिमेण्टम हाइड्राजिराई Linimentum Hydrargyri-ले० | लिनिमेण्ट श्रीफ़ मर्करी Liniment of mercury - इं० । पारदाभ्यंग - हिं० । तमूरीख वा मालिश सीमाब-ति० । देखो -- पारद ।
(६) स्पिरिटस श्रमोनो ऐरोमैटिक्स Spiritus ammoniae aromaticus -ले० । एरोमैटिक स्पिरिट श्रीफ़ अमोनिया Aromatic spirit of ammonia - इं० । सुवासित अमोनिया सुरा | देखो - श्रमीनिया कार्बोनस के योग |
(७) स्पिरिटस श्रमोनी फेटिडस Spiritus ammoniå fetidus-ले० । फेटिड स्पिरिट श्री अमोनिया Fetid spirit of ammonia-इं० । पूतिगंध अमोनिया सुरा - हिं० | रूह नवशादर मुन्तिन, रूह नवशादर बदबू - ति० |
निर्माण विधि - स्ट्रॉंग सोल्युशन श्रीफ़ श्रमोनिया २ फ्ल ुइड श्रास, ऐसा फेटिडा ( हिंगु ) १ ॥ श्राउंस और ऐलकुहॉल ( ६०% ) श्रावश्यकतानुसार 1 ऐसा फेटिडा ( हिंगु ) के टुकड़े करके १५ फ्ल ुइड आउंस ऐलकुहाल में २४ घंटे तक भिगोकर इसका स्रवण करें । पुनः इसमें स्ट्रॉंग सोल्युशन श्रफ़ अमोनिया और इतना ऐलकुहाल और योजित करें, जिसमें सम्पूर्ण श्रौषध एक पाइंट हो जाए ।
मात्रा - २० से ४० बुंद (= १-२ से १-८ क्युबिक सेंटीमीटर ) जब एक बार देना हो और ६० से १० बुंद ( ३.६ से ४८६ घन शतांश मीटर ) जब एक ही बार देना हो । इसको अच्छी तरह जल मिश्रित कर सेवन कराएँ ।
प्रभाव -- उत्तेजक ( Stimulant ) और उद्वेष्टनहर ( Antispasmodic ).
नॉट ऑफिशल योग (Not official preparations ). (१) लोशियो क्रिनेलिस Lotio crin
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अमोनिया
alis - ले । लोमजनक विलयन - हिं० । अर्क मू अफ़ज़ा-ति० । योग- श्रॉलियम एमिग्डली ( वाताद तैल ) १ भाग, लाइकर श्रमोनी फॉटिंस १ भाग, स्पिरिटस रोज़ मेराइनी ४ भाग, एक्कामैलिस २ भाग | सब औषधों को मिला लें । बालों को बढ़ाने के लिए इस अर्क का प्रयोग करते हैं ।
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_ ( २ ) टिकचूरा श्रमोनी कम्पोज़िटा Tinctura ammoniae composita, प्रोडील्स Eau-de-Luce-ro यौगिक अमोनियासव, सर्पागदार्क - हिं० । तीन अमोनिया मुरक्कब, अर्क दाफ़िा जहर मार-ति० । योग-मस्टिक ( मस्तगी ) २ ड्राम, एलकुहॉल ( ६०% ) 8 ड्राम, प्रॉलियम लेण्डली १४ बूंद, लाइकर अमोनी फॉर्टिस २० फ़्लुइड आउंस । समग्र औषध को परस्पर मिलाकर साँप के काटे पर लगाया करते हैं ।
अमोनिया की फार्माकॉलॉजी अर्थात् प्रभाव ( वाह्य प्रभाव )
सोल्यूशन ऑफ़ अमोनिया (अमोनिया विलयन ) को जब त्वचा पर लगाया जाता है तब यह उसमें अंत होने बाले तन्तुओं एवं रक्र वाहिनियों को उत्तेजना प्रदान करता है, जिससे उन स्थल पर ऊष्मा एवं राग का अनुभव होता है । यदि अमोनिया के तीक्ष्ण विलयन को त्वचा के किसी भाग पर लगाकर उसको वाष्पीभूत न होने दें तो वहाँ पर फोस्का उत्पन्न हो जाता है। श्रतएव अमोनिया रूबी फेशेष्ट ( श्रारुण्यकारक ) और वेसिकेण्ट ( फोस्काजनक ) है ।
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नासिका और वायुप्रणाली - नासिका तथा वायु प्रणाली की श्लैष्मिक कला पर अमोनिया वाष्प का सबल क्षोभक एवं उत्तेजक प्रभाव होता है, जिससे छींकें श्राने लगती हैं । कन्जङ्कटाइह्वा चक्षु के ऊपरी परत ) पर भी इसका क्षोभक प्रभाव होता है, जिससे नेत्र द्वारा स्राव होने लगता है । नासिका की संज्ञावहा नाड़ियों को
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