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श्रनादि
अकरकरा
अकनादि akanáñi-बं०, पाडा, अस्वष्टा ( Ci- श्रक्रयाकैलून aqayaqailun - चिरायता
( Chirata )
ssampelos Pereira, Lian.) श्रकुट्स aganús यु० नासपाती Communis, Linn. ) कन्दा akanda-हिं० मदार, श्राक tropis Gigantea L. Br. ) अक् āagai श्रु० मिज़ुलु जिल्द, मिस्मार, ऐ. नुकह कर्न | कदर -सं० । श्रहन, यह एक प्रकार का चर्म रोग है जिसमें साधारणतः पाँव के अँगूठे की संधि अथवा बेंगुली की संधि की कोर और स्थूल हो जाती है और जूता पहन कर चलते समय व्यथा होती है । कोर्न ( Corn ), वस ( Clavus ) - ई० । अ] aaqab o पै, ताँत, नस जिससे धनुष का चिल्ला बनाते हैं ।
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अकवर aakabar - o सोम भेद ( Akind of beeswax ) श्रकबरो akabari-fé० संज्ञा० स्त्री० [अ०] ( १ ) एक फलहारी मिठाई, तीखुर और उबाली अरुई को वी के साथ फेंट कर उसकी टिकिया बनाते हैं और वी में तलकर चाशनी में पागते हैं । अकबरी अशरको akabari asharati-हिंο
संज्ञा० त्रो० [अ०] ] सोने का एक पुराना सिक्का जिसका मूल्य पहिले ३६ ) था पर व २०) हो गया है ।
अकबरूस akabarús-० रूमी और हिंदी | केंद्र से यह वृक्ष दो प्रकार का होता है । इनमें से रूमी को रूस अर्थात् गोंद कहरुवा का वृक्ष कहते हैं । अकुस aagan श्र० बन्ध्या अर्थात् बाँझ होना । गर्भ स्थिर न होना ( Sterile ) कुमाउरु म्मान agammäärrmmán-o अनार की छाल या अनार वृक्ष की कली जिसमें फल लगता है | ( Pomegranate bark or bud)
श्रकुमाउरु स्माल हिन्दी agamaáurrumánul·hindi- अ० नागकेशर है | (Mosua Ferrea, Linn.)
अयान aagayán - अ० शुद्ध स्व ( pure gold ) - ३० ।
Pyrus
( Calo | अक्र्यास aqayas - यु० इन्दरसा ( ख़ा ) रून । क्यूस aqayus-यु० ( १ ) श्रमरूत ( Guava) । ( २ ) नासपाती ( Pyrus communis, Limn.) अकर akara - हिं० वि० [सं० 11 हस्त रहित ।
१ प्योर गोल्ड
हाथ का,
अकर āakar-अ० विलट, तेल, रसोब, खुर्द, गाढ, गजापत, तेल ऋषि की गाड़ | सेडिमेण्ट ( Sediment )-ic ! अकरकरतून aqarqartun यु० गिले श्रकरीत, एक प्रकार की मिट्टी है।
करकरमः akarakarabhah-सं० पु० ।
अकरकरा ( See-Akarakará ) अकरकरादिचूर्ण akarakarabhácichuIna - हिं० संज्ञा पुं० अकरकरा, सोंठ, कंकोल, केरार, पीवर, जायफल, लौंग तथा श्वेत चंदन इन्हें कर्ष कर्ष भरले, चूर्णकर कपड़छान करें, पश्चात् अहिफेन शुद्ध १ पल, मिश्री (सिता ) सर्व तुल्य मिला चूर्ण कर रक्खें । मात्रा - १ रती शहद के साथ रात्रि को कामी पुरुष चाटें तो वीर्य स्तम्भन हो । शा० सं० म० ख० श्र० ६ श्लो० ४५ । अकरकरहा āgargarhá- अ० ( Pyrethri Radix ) अकरकरा - हिं० ।
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अकरकरा akarakara - हिं० संज्ञा पुं० [सं०
आकर करभः ] यकल करा, अकोलखर, अकलकोरा - ० । श्राकारकरभः, श्र ( - श्रा) कल्लकः, अक्क ल्करः, अक्कोलर, तोच्णमूलः और टीचर कीलकः प्रभृति एवं इसके अनेक अन्य कल्पित संस्कृतनाम हैं । प्रकोरकोश, श्राकरकरा, रोशुनिया - बं०। या ( अ ) क़रह, ऊल्कह-अ० / श्रकलकरा, आकरक़र्हा हस्पानी, श्राक़रक़रह - फा० । पाइथाई रैडिक्स (Pyrethri Radix ) ऐनासाइक्लस पाइरीथूम ( Anacyclus Pyrethrumn, D. C. ), पाइरीथुम