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अथ जाय मुरक
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टिप्पणी-शू जा मुफ़रिदह की रचना को अरबी में नरज ( ० ० ) और नसाइज ( ० ० ) तथा प्रायुर्वेद में तन्तु ( धातु ) और अंगरेज़ी में विश्शु ( Tissue ) कहते हैं सभी भाँति के तन्तु विशेष प्रकार की सेलों ( कोष, aesi, aसों ) के परस्पर मिलाप द्वारा बनते हैं। अस्तु-स्थि, मांस, रंग तथा नाड़ियों की रचना मुख्य मुख्य भांति की सेलों के पारस्परिक fear द्वारा होती है । इसका विस्तृत वन तन्तु ( धातु ) - शात्र ( Histology ) में होगा ।
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श्रथ जात्रा सुरु
aããa-murakka
bah - अ० ग्रन्त्रालयह, मुरक्कव् ग्रच्जा । संयुकावयव, वे अवयव जो चन्द्र मुफ़रिट शरीर तन्तु (धातु) के पारस्परिक सेल से बनते हैं । उदाहरणतः दृस्त ग्रस्थियों, रंगों, नाडियों और मांस पेशियों तथा त्वचा के मिलाप द्वारा बनता है । इस भाँति के अवयव का यदि कोई भाग लिया जाय तो वह अपनी परिभाषा तथा नाम से सम्पूर्ण से निन्न होगा, यथा हाथ की अस्थि अथवा मांस हस्त नहीं कहलाएगा ।
अजाअ रईसह aāzáa raisah - o उत्तमाङ्ग | एक्स्ट्रा Extra ई० । जीवनाधारभूत अवयव, अर्थात् वे अवयव जिन पर जीवन अवलम्बित हो। वे चार हैं, यथा - (१) हृदय, (२) मस्तिष्क, (३) यकृत् और ( ४ ) मुष्क ( पुरुष ), लिंग और शुक्राशय । इनमें से प्रथम तीन मनुष्य जीवन के लिए अत्यन्त श्रावश्यक हैं, क्योंकि यह क्रमशः प्रशणशक्ति ( कुव्वते हयात, कुञ्चते है, वानी ), चेतनाशक्ति ( कुव्वते नफ़्सानी ) और प्राकृतिक शक्ति ( क्रुव्यतेतब ई.) अर्थात् शारीरिक पोपणशक्ति श्रवयवों को प्रदान करते हैं। इनमें श्रन्तिम के जननेन्द्रिय सम्बन्धी अवयव स्वजाति रक्षा के लिए परम आवश्यक हैं ।
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श्रत्र नश
अश्रू जाय् शरोकड, aāzáa sharifah - अ शरीफ़ श्रजाश्रू, श्राय् मुहिम्मह, श्रहम
ज्ञा । वे अवयव जो अपने कार्यकी महत्ता के अनुसार उत्तमाङ्गों की सामीप्य कक्षा का अधिकार रखते हैं । इनकी गणना उन ( उत्तमाङ्गों ) के पीछे होती है, यथा- फुप्फुस, आमाशय और यंत्र इत्यादि ।
अजा
सरिथ्यह ज़ाहिरह् aavaa-sadriyyah-záhirah - अ० वक्षोर्ध्वाङ्ग । वक्ष के ऊपर के त, यथा-वासीय मांसपेशियाँ और स्तन प्रभृति ।
अजाश्रू सद्दिव्यह् वातिनह aazaa-sadri yyah-bátinah-अ० वदान्तरस्थ श्रवयव, वासे भीतर के श्रवयव, यथा-हृदय और फुफ्फुस यादि । थोरैकिक विसरी ( 'Thoracic Vicor )-इं०।
अजा सौत aāzáa-sout-o श्रावाज़ के अजा, शब्देन्द्रियाँ, शब्दोत्पादक यंत्र, यथा— स्वरयन्त्र, टेंटुना ( श्वासपथ ) और फुफ्फुस इत्यादि । ऑर्गअ श्रॉफ वाइस ( Organs of Voice ) - ई० ।
छात्र जान मुहिम्सह, aazar mrhimmah | श्रत्र जात्र हज़्म aazaa-hazm अ० पाचक - अ० श्रअ जाय् शरोह ।
यन्त्र, पाकावयव, यथा-आमाशय, यकृत, मासारीक़हू इत्यादि । डायजेस्टिव ऑर्गन ( Digestive Organs ) - इं० 1
अअ जाञ् हर्कत aāzáa harkat अ० श्रालात हर्कत ।
जात्र हिस्स aāzaa hiss श्र० श्रालात हिस्स ।
अजा हैवानिय्यह aāzaa haivániyyah - अ० जीवन शक्ति सम्बन्धी अवयव, प्राणिशक्ति से सम्बन्ध रखने वाले श्रवयव, यथा हृदय वा धमनी प्रभृति ।
श्रनव aānabo जिसकी नासिका बड़ी और लम्बी हो, दीर्घनासा ।
अअनश aānash - अ० छोंगा, छाँगुर, छः अंगुलियों वाला, लूंगा ।
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