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अ ( उ ) नक
मौसिम | काल | समय । (२) ऋतु - विप. य। ऋतु के विरुद्ध कार्य ।
बहार
अ (उ) नक़ ãa-āu naq-० ( ५० व० ) श्र नाक ( ब० ० ) ग्रीवा । नेक ( Neck ), सर्विक्स ( Cervix ) - इं० । अनकब āanakab - अ० मत्स्यभेद, एक प्रकार की मछली । ( A sort of fish ). अनक़र āanagar - ऋ० मर्ज़आंश | See - Marzanjosh. अनकुलो āangali-यु० सलजम | अनकलीमन anaqalimâna-यु。 जिसको हिन्दी में पाथा कहते हैं । यह बाबूना गाव का एक छोटा भेद है । लु० क० । अनकवानकूल ana-qavánaqúsa-यु० मरीहृह् या दोन । गाजर का बीज अथवा करस कोहीका बीज । लु० क० । अनसि anaqilasa-यु० मसूर सदृश एक बूटी है जो उष्ण प्रदेशों में उगती है। लु० क० । कोली āana-qili - यु० सलजम | अर्रिहम aanaqurrihm-o मह बिल Mah-bil - श्र० gina ) यद्यपि [श्चनक़= ग्रीवा + रहिम =गर्भाशय ] का शाब्दिक अर्थ गर्भाशय की ग्रीवा है, तो भी प्राचीन तिब्बी परिभाषा में यह योनि के लिए प्रयुक्त होता था । जरायु के साथ इस नाली (योनि) का सम्बन्ध वैसा ही है जैसा कि सुराही का उसकी ग्रीवा के साथ। इसीलिए प्राचीन यूनानी चिकित्सकोंने इसको अनक, र्रिहम नाम से अभिहित किया । उक्त नाली के वहिर्द्वार ( छिद्र ) या दरार को फ़र्ज और उन नाली कोमल या अन्दाम निहानो कहते हैं । अनक रिह ्मम और रबतुर्रिहमा भेद
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उपयुक्र दोनों शब्दों का अर्थ 'गर्भाशय की ग्रीवा' है । परन्तु, अनकुर्रिहम तो योनि के लिए प्रयोग में श्राता है, पर रक्बतुर्रिहम वास्तविक अर्थों में गर्भाशय की ग्रीवा के लिए प्रयुक्त होता है
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- अनमः
याधुनिक मित्रदेशीय चिकित्सक रकचतुर्रिहम के स्थान में अपने वास्तविक अर्थों में गर्भाशय की ग्रीवा के लिए अनकुहिम शब्द का प्रयोग करते हैं और अनक़र्रिह ्मम के स्थान में मलि शब्द का, जो अधिक उपयुक्त एवं यथार्थ है ।
नोट- डॉक्टरी में अनकुहिम या गर्भाशयको ग्रीवा के प्रथम रक्तवतुरिहम को सर्विक्स युटराइ ( Cervix Uteri ) और मह्विल या श्रन्दाम निहानी अर्थात् योनि के अर्थ में अनरिह न को वेजाइना ( Vagina ) कहते हैं । देखो - योनि ।
अनकुद ana-qúda - फ़ा०, तु० काली तुलसी । नमाम । लु० क० । अनकूद āana-qúda अ० ख़ुशो | एक पौधा है०क० ।
अनकुन ana-qúna-यु० सदा गुलाब । लु०
क० ।
अनकूल ana-qúsa - यु० नाशपाती लु० क० । ( Pyrus communis ). अनकंप ana-kampa - हिं० संज्ञा पुं० देखाअकंप |
छानक् कालिक anak-kálika-वृश्चिपत्री । अनगना anagana - हिं० संज्ञा पुं० गर्भ का आठवाँ महीना |
अनग्ना anagná-सं० स्त्री०
afrost anágniká सं० प्र० -६० । कार्पासी-सं० । ( Gossypinm herbaceum, Linn.) ई० मे० मे० । अनघः anaghah -सं० पु० } सफेद सरसों अनघ anagha - हिं० संज्ञा पुं०
- हिं० | गौर सर्षप सं० । ( Brassica juncea ) रा० नि० व० १६ । हि० वि० पवित्र, शुद्ध । अनघुल anaghula - हिं० वि० विलेय ( Insoluhble ).
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कपास
अनघ्नः anaghnah - सं० पु० श्वेतसरसों - हिं० । गौर सर्षप - सं० । ( Brassica juncea ) वै० निघ० ।