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अण्डा
अण्डारा इनर्मिस
एडा aindi-हिं० संज्ञा पु० पक्षी श्रादि के उत्पन्न (Seeds of Castor oil plant).() होने का स्थान | एग ( Egg)-इं०। गुण-धर्म गंधमार्जारी। आदि के लिए देखा-कुक्कुट ।
अगडोका तेल andi.kā tela-हिं. संज्ञा पु. अण्डाकर्षणम andakarshanam-सं० की. एरंडतेल । (Oleum ricini) देखो-एरण्डः । (Castration ) बधिया करना ।
अण्डो माल्लेयं andi-malleryya-मल.
सन्ध्या राग--सं० । गुलशब्बो, गुलचेरी-हिं० । अण्डाकार andākāra-हिं० संज्ञा पुं० ।। अण्डाकृनि andakriti-हिं० संज्ञा स्त्री० व
रजनी गंधा-बं० । गुलसबो-को०, हिं० । पॉलि[सं०] ( Egg-shaped,oval,Ovoid,
एन्थस ट्युबरोसा ( Polyanthus tube
rosa, Linn.)-ले. । ई० मे० मे० । elliptical )ऐसा वृत्त जिसका एक अत दूसरे की अपेक्षा लम्बा हो, अण्डा की शकल
अराडोरः andirah-सं० पु० पुरुष, युवा मनुष्य
(A full.grown man ) मे० रत्रिकं । का, अण्डा की तरह। उस परिधि के प्राकार का जो अंडे की लम्बाई के चारों ओर खींचने
अण्डोरा इनर्मिस andira inermis-ले० से बने । लम्बाई लिए हए गोल, अण्डे के
fantasmatar gafia (Geoffroya Ine.
rmis)। कैवेज ट्री ऑफ़ ट्रॉपिकल अफरीका श्राकार का । बजावी।
( Cabbage tree of Tropical अण्डाकार खात andakāra-khata-हि०संज्ञा
Africa)-इं०। पु. ( Fossn ovalis ) अण्डे की शकल
वर्ग बब्बरः उपवर्ग-पैपिलोनेसीई का गढ़ा | हुक र बैज़ावियह-अ०। अण्डाकृति andākriti-हिं० संज्ञा स्त्रो० [सं०] |
N.O. Leguminosue. Sub-Order
Papilionaceae अण्डे का आकार, अण्डे की शकल । वि० अंडे के आकार का । अण्डइव । अण्डाकार |
उत्पत्ति स्थान-वेष्ट इंडीज़ (विशेषकर अण्डाजी !undali-सं० स्रो० भुइँ अामला,
जमेइका)। भूम्यामल को ( Phyllanthus niruri,
प्रयोगांश-स्वक् । _Linn.).
औषध-निर्माण-(.)-चूर्ण की हुई स्वचा अण्डालुः and iluh-सं० ० ( A fish)
२०-३० ग्रेन (१०-१५ रत्ती) कृमिघ्न रूप से, मत्स्य, मछली | श० च० ।
३०-४० ग्रेन (१५-२० रसी) विरेचक रूप से।
(२) टिंक्चर (३० से ६० मिनिम (ढुंद)। अण्डिका andikā संस्त्री० चार जौ के बराबर का |
(३) सरल सत्व १० से ४० मिनिम (बुंद)। एक माप विशेष, यवचतुष्टय परिमाण | च० ।
(४) धन सत्व ३ ग्रेन (१॥ रत्ती)। अण्डिनी andini-सं० स्त्री० सान्निपातिक योनि
प्रभाव तथा उपयोग-कैबेज वृक्ष स्वक् रोग विशेष | लक्षण--स्थूल मेदू वाले पुरुष से
(Cabbage tree bark ) नामक स्वचा ग्रहण की हुई तरुणी ( छोटी अवस्था वाली स्त्री) में जिसका व्यापारिक नाम कृमिस्वक की योनि अरिडनी अर्थात् अंडाकृति ( कहीं (Worm bark) भी है, कृमिघ्न, ज्वरघ्न कहीं फलिनी पाठ पाया है) हो जाती है।
और मेदनाशक गुण है और निम्बु. मु० चि० । त्रियों का एक योनि रोग जिसमें
काम्ल (Citric Acid) के साथ यह कुछ मांस बढ़कर बाहर निकल जाता है। इससे | स्थौल्य रोग में अधिक उपयोग की जाती है। योनिकन्द रोग भी कहते हैं ।
अधिक मात्रा में यह वामक, विरेचक और मादक अण्डी andi--हिं०संज्ञा स्त्रो० (१) रेडी;एरण्ड बीज है तथा इसकी इससे भी अधिक मात्रा विषैल
--हिं । Ricinus communis, Linn. | है। (पी०वी० एम०)।
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