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अडोमा
पहुँचाएगी। पुरातन कासके लिए २-२५त्ती यह ___ दमा और ना सुहम (खून थूकने ) के लिए भस्म शर्बत एजाज़ के साथ खिलाने से राम- अमत समान है। १ रत्ती से तीन रत्ती तक वाण सिद्ध होगी।
पान के साथ उपयोग में लाने से यह प्रत्येक अडसा द्वारा प्रस्तुत विविध योग
भाँति की खाँसी और दमा को लाभ पहुँ(१)वासक क्वाथ, वासा घृत तथा वासा
चाता है वलेह प्रभृति तथा अनेक अन्य योग "शाङ्गधर"
अडूसा काला adusa-kāla-हिं० । अडूसा भेद एवं "भावप्रकाश" श्रादि ग्रंथों में वर्णित हैं।
(Black adha toda)-इं०। इस कोष में भी वे यथाक्रम पाए हैं। अतः
अडसा क्वाथः adusa-kvathah-सं० पु. वहाँ वहाँ देखिए।
अडूसे के पत्र या मूल १ तो०, जल १६ तोला (२) अडसा पत्र १ सेर, अडसा पुष्प में वाथ करें; जब चतुर्थांश शेष रहे तब उसमें १०तो०, जल ४ सेर डालकर रातको भिगो दें।
शहद डालकर पीने से रक्रपित्त तथा क्षय का सवेरे एक जोश देकर गोदुम्भ चार सेर मिलाएँ
नाश होता है। और भपका (नाड़ीयंत्र) द्वारा ५ सेर अर्क खीचें ।
(यो० त०; ला० सं०) १० तो यह अर्क शर्बत एजाज़ ५ तोमें मिलाकर सवेरे और शामको पिलाएँ और उष्ण वस्तुओं
अड़सा पुटपाक: adasi-puti pikah -सं० से परहेज कराएँ । राजयक्ष्माकी प्रथम एवं द्वितीय
पु. अडूसे के पुटपाक का रस निचोड़
कर शहद मिला पीने से रक्तपित्त, छर्दि, कास कक्षा में लाभदायी है। दो सप्ताह पश्चात् रोगी
तथा ज्वर का नाश होता है। के वजन में आश्चर्यजनक वृद्धि दीख पड़ती है तथा शरीर लाल और प्राभायुक्त हो जाता है।
(शाईं० सं०म० ख०१०) मूत्र की अरुणता, जलन और रकोष्मा को दूर
अड़सा सुफेद adusa-sufeda-हिं० संज्ञा पु. करने में अनुपमेय सिद्ध होता है।
अडूसा भेद । देखो-अडसा । White (३) अडसा पत्र, अडसे की जड़ की छाल
udhatoda-इं०।
अडेका मजेन adaca manjen-ले. मुण्डी, और अडूसा का फूल प्रत्येक २ सेर, २० सेर जल डालकर जोश दें। श्राधा रह जाने पर मल कर
गोरखमुण्डो-हिं० । देखो-मुण्डो । (Sphछान लें । उक्र जल में उपयुक्र तीनों
eeranthus Indicus, Linn.)-ले० वस्तुएँ १-१ सेर डालकर पुनः जोश दें। श्राधा
फा०६०२ भा०। रह जानेपर उपयुक नियमानुसार मल कर छान
| अडेनऐन्थेरा पेवोनीया ade nanthera ले' श्रीर उपयुक्र वस्तुएँ प्रत्येक श्राधा सेर डाल
pavonia, Linn. )-ले० लाल चन्दन, कर जोश दें। आधा रह जाने पर छान कर
रतनन्दन-हि० । देखा-रत चन्दन । बोतलों में भर कर रख दें। दिन में तीन बार
ई० मे० प्लां० । ई० मे० मे० । मे० मो०। २॥ तोला की मात्रा में रोगी को पिलाएँ।
(Pterocarpus santalinus, Linn.) स्वाद के लिए शहद १ तो० मिला लिया जाए ।
-ले० । का० इं०। गण-खाँसी, ज्वर, मेंह द्वारा रक्ताच. रक- शडेन्सोनिया डिजिटेटा adansonia digiवमन, रतार्श तथा पाचनशक्ति को लाभ tata, Linn.)-ले० गोरख इम्ली । मे० पहुँचाता है।
मो० । अडूसा क्षार
| अडोमा adoma-गोवा बुधा-सोव, मलय। . अडसा के पञ्चांग को लेकर जलाएँ और नोट-इस शब्द का वर्णन भूलसे पृष्ठ २०६ इसकी भस्म द्वारा नियमानुसार क्षार प्रस्तुत पर अडूनी शब्द के आगे कम्पोज हो गया है। करें। यह क्षार २ रत्ती की मात्रामें खाँसी, | अस्तु, वहाँ देखें ।
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