________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अग्निफला
अग्निमुखः
--
( Fire-Stone, a glint) अग्नि उत्पन्न (१) ( Premma Integrifolia ) करनेवाला पत्थर । वह पत्थर जिससे भाग निकले। अरनी-इरनी, अगेथ, टेकार । (२) अग्निवधू अग्निजनक पाषाण, चकमक पत्थर ।
पूर्व देशमें-उ०। सु०स० ३६ अ०। (३) अग्नि-फला agni-phala-सं० स्त्री० (Cola. संशोधन । वा० उ० २० अ०। (४) शाल,
strus paniculata, TVilld.) HET सर्जवृक्ष (५) अरणी नामक मन्त्र जिससे यज्ञ ज्योतिष्मतीलता, ज्योतिष्मती लता, मालकांगनी के लिए भाग निकाली जाती है। -हिं० । बड़लता फटकी-बं० । थोर मालकांगनी अग्नि-मन्थादि-क्षार तैल agnimanthādi-म०। रा०नि०व०३।
___kshara tail-सं० अरणी, सोनापाठा, अग्नि-बाव agni-bava-हिं० संशा० पु. ढाक, तिलनाल, बला, केला और अपामार्ग ।
[स० अग्नि+वायु ] घोड़ों और दूसरे चौपायों इनके क्षारों के पानी से सिद्ध किया हुश्रा तैल का एक रोग, जिसमें उनके शरीर पर छोटे छोटे |
उदररोग और वातज हृद्रोगों का नाश करता है। श्रावले निकलते हैं और फूट कर फैलते हैं। अग्नि-मयः agni mayah-सं० पुं० सुफेद यह रोग अधिकतर घोड़ों को होता है। (२)!
विधारा, श्वेत वृद्धदारक । श्वेत विचताड़क-बं०। मनुष्यों का चर्मरोग जिस में शरीर पर बड़े बड़े ।
श्वेत वरधारा-म० । वै० नि । श्वेत बुला । लाल चकत्ते वा ददोरे निकल पाते हैं और साथ
See-Vidhára. जो कभी कभी ज्वर भी श्रा जाता है। पित्ती। अग्निमा aenima-(Anona squamosa) ददरा । जुड़पित्ती ।
सीताफल, शरीफा । फा. इं०। अग्निवाहुः agni-bahuh-सं. पुं० अग्नि-मात agni-mata-ते. चित्रक, चीता (smoke) धूम्र।
(Plumbago Rosea, Linn.) फा० अग्निभ agnibha-सं० क्लो०)
इं. भा० २। Afan: agnibhah-Fogo ( Gold )
अग्नि-मांद्य agni-nāndya-हिं० संज्ञा००) सुवर्ण, सोना । (aurum ) रा० नि० अग्नि-मांद्यम् agni-mandyam-सं० क्लो." व०१३।
( Indigestion ) अजीर्ण, मन्दाग्नि । अग्निभा agnibhā-सं० स्त्री० celastius |
(Anorexia) जठराग्नि की कमी । पाचन. paniculata.-माल काँगनी।
शक्ति की कमी । भूख न लगने का रोग । अग्नि-भु agnibhuसं० क्ली० Gold, (Au• अग्नि-मारुति agni-māruti-हिं. संज्ञा पु. Tum) सुवर्ण । सोना । रा०नि० व. १३ ।
[सं०] अगस्त्य मुनिका एक नाम । (२) जल ,water (Aqua)
अग्नि-मुखम् agni-mākhain-सं० क्ली० (१) अग्नि मणि agni-imani-हिं० संज्ञा पु० ।। (Safflower carthamus Tincto. अग्नि मणिः agni-manih-सं० पु. ।
rius ) कुसुम्भ पुष्प, कड़ का फूल । (२) The sun stone, a glint सूर्यकान्त
Saffron (Crocus) कुकुम, केशर । मणि । श्रातिशी शीशा-फा० । एक वहुमूल्य | अग्नि-मुख agni-mukha-हिं० संज्ञा पु०) पत्थर । (२)सूर्य-मुखी शीशा ।
अग्नि-मुखः agni-mukhah-संपु. अग्नि मथनः agni-mathanth-सं० पु. (Plumbago Zeylanica, Linn. ) (Premna Integrifolia, Linn.)
(१)चित्रक, चीता | चितंगाछ-बं०। (२) अरनी-हिं० अग्नि मन्थ, गणिकारिका-सं०।
भिलांवा, भल्लातक । भेलागाछ-बं०। (Seगणिरी वा धारगन्त-बं० । रा०नि० वा० ।। mecarpus anacardium, Linn. ) अग्नि-मन्थ agni-mantha-हिं० सं० पु.) अग्नि-मुखः agni-mukhah-सं.पु. पारा, अग्नि-मन्थः agni-manthah-सं० पु. गन्धक, अभ्रकभस्म, ताम्रभस्म, अमलवेत,
For Private and Personal Use Only