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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (७७६) अष्टाङ्गहृदयेशुद्धबोलनेवाला और चिरकालतक नेत्रोंको मीचनेवाला और वरदेनेवाला ॥ १४ ॥ सफेद माला तथा वस्त्रोंको धारण करनेवाला और नदी पर्वत ऊंचे मकानोंसे प्यार करनेवाला और निद्रासे रहित और अप्रधृष्य पुरुष देवताके वशमें हुआ जानना ॥ १५ ॥ जिह्मदृष्टिं दुरात्मानं गुरुदेवद्विजद्विषम्॥ निर्भयं मानिनं शूरं क्रोधनं व्यवसायिनम् ॥ १६ ॥ रुद्रः स्कन्दो विशाखोऽहमिन्द्रोऽहमिति वादिनम् ॥ सुरामांसरुचिं विद्यादैत्यग्रहगृहीतकम् ॥ १७ ॥ और जिसकी कुटिल दृष्टिहो, और दुष्टात्मावाला हो और गुरु देवता ब्राह्मण इन्होंसे वैर करनेवालाहो, और निर्भयहो मानवालाहो शूरवीररहै, क्रोधवाला और कसरत करनेवालाहो ॥१६॥ और मैं रुद्रहूं मैं स्वामिकार्तिकहूं इंद्र मैं हूं ऐसे कहनेवाला और मदिरा मांसमें रुचि करने वाला पुरुष पैत्यके वशमें हुआ जानना ॥ १७ ॥ स्वाचारं सुरभिं हृष्टं गीतनर्तनकारिणम् स्नानोद्यानरूचिं रक्तवस्त्रमाल्यानुलेपनम् ॥ १८॥ शृङ्गारलीलाभिरतं गन्धर्वाध्युषितं वदेत् ॥ और अपने आचारमें युक्त होवे सुंगधिसे युक्त होवे और प्रसन्न रहै गावै और नांच करै और स्नान करनेकी तथा बगीचमें जानेकी रुचि रक्खै और लालवस्त्र अनुलेपन लालपुष्पको धारण करै ॥१८॥ और शृंगारकी लीलामें रत रहै वह पुरुष गंधर्वमे युक्त जानना ॥ रक्ताक्षं क्रोधनं स्तब्धदृष्टिं वक्रगति चलम् ॥१९॥ श्वसन्तम निशं जिह्वालालिनं सृकिणीलिहम्॥प्रियदुग्धगुडस्नानमधोवदनशायिनम् ॥२०॥ उरगाधिष्ठितं विद्यात्रस्यन्तं चातपत्रतः॥ और लालनेत्र हो क्रोध आवे स्तब्ध दृष्टि हो टेढीगतिसे चलै ॥ १९ ॥ और निरंतर श्वास लेताहुआ जिह्वाको निकासके ओष्ठोंको चाटै और दूध गुड स्नान ये प्रियल- और नीचेको मुखकरके शयन करै ॥ २० ॥ और घामसे त्रास मानै ऐसा पुरुष उरग अर्थात् सोसे गृहीत जानना ॥ विप्मृतं त्रस्तरक्ताक्षं शुभगन्धं सुतेजसम् ॥२१॥प्रियनृत्यकथा गीतस्नानमाल्यानुलेपनम् ॥ मत्स्यमांसरुचिं हृष्टं नष्टं बलिन मव्ययम् ॥२२॥ चलिताग्रकरं कस्मै किं ददामीति वादिनम्। रहस्यभाषिणं वैद्यद्विजातिपरिभाविनम् ॥ २३॥ अल्परोषंह तगति विद्याद्यक्षगृहीतकम् ॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020074
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKhemraj Krishnadas
Publication Year1829
Total Pages1117
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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