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अनुक्रमणिका। विषय.
पृष्ठ. विषय. तही उपचार .... .... .... २८६ । चौदहअस्थिसंघात .... विष्कभनामकमूढगर्भका लक्षण .... अठारह सीमंत .... .:. विपरीत आये गर्भकी निकासने
तिनसैसाठ हड्डियां ... की विधि .... ... ....
दोहजार दोसोदससंधियां .... वैद्यको कुशलता आवश्यक .... "
नवसोनसा .... ... .... " जीवद्गर्भका छेदननिषेध .... .... पांचसोपेशी .... ... मूढगर्भवालीकितनीएकस्त्रियोंका त्याग " पुरुषोंके अपेक्षासें स्त्रियोंके देहमें वीस मूढगर्भनिकासेपीछेत्रीको औषधोपचार " पेशीअधिक .... .... .... मृतगर्भिणीके उदरमेंते जीवंत
नाडीनके सातसोंभेद .... .... बालक निकासनेकी विधि .... २९० नाडीनकेस्थानभेदविचार..... .... मृतमातृक बालककी चिकित्सा .... २९१ वेधनेको अयोग्यनाडी ... ... गर्भके सदृश गर्भाकार .... ... " वातपित्तकफमिश्रनाडीकोरक्तवा. अथतृतीयोऽध्यायः ३ ___ हकत्व .... .... ....
नाडीनके रंगोंका विचार .... .... २९९ अथ अंगविभाग शारीर अध्याय .... २९२
नाडीनके संघातसे शरीरके आकारअंगोंके विभाग .... ... ...
कल्पना .... ......... ३०० प्रत्यंग विभाग ... .... .... ' पुरुषों के देहमें नवछिद्र .... .... " पंचमहाभूतनके विभाग .... .... "
स्त्रियोंके देहमें बारह वा तेरह छिद्र.... पंचमहाभूतनके पृथक् २ कर्म .... "
छिद्रोंके कर्म माताके अधिक अंशसे उत्पन्न पदार्थ "
.... ....
स्रोतोंके आकारविचार .... पिताके अधिक अंशसे उत्पन्न भये पदार्थ "
.... "
स्रोतोंके द्वारनका विचार .... .... रससे उत्पन्न भये गुण ...
स्त्रोतोंके ताडनेसे उपद्रव... .... सत्त्वगुणकेकर्म .... ....
तहां उपचार कल्पना रजोगुणकेकर्म ...
अन्नपचनका विचार .... ... तमोगुणकेकर्म ....
पक्कभये अन्नके दो भेद ... रक्तसे सात त्वचा
सारअन्नके सातप्रकारसे परिपाक .... सातकला
दो प्रकारके मल .... .... .... "
धातुआदिस्नेहकी उत्पत्ति ... ... आशयों कोष्ठ के अंग
अन्नके पाकका काल ... ... दशीवितकेस्थान
वृष्यादि अन्नका सद्यः पाक वर्णन... ३०४
सातआशय
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... २९४
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