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(३२)
अष्टाङ्गहृदयसंहिताकी- . विषय.
पृष्ठ. विपय. कफदुष्टरक्तका लक्षण .... ....
अथैकोनत्रिंशोध्यायः २९ शेरसेज्यादा रक्त नहीं निकासना .... २३६ अथशस्त्रकर्मविधि अध्याय .... २४५ ज्यादा नीकासवेते मृत्यु वा रोग .... व्रणकीउत्पत्ति .... .... तदनंतर अभ्यंगादिकाविधि
शोजाकी चिकित्सा ... .. स्तंभनीक्रिया .... ....
शोजाकी तीन अवस्था ..... .... पथ्यसेवाविचार ........ .....
पकनेलगे शोजाके स्वरूप .... शिरावेधके गुण ५३ ....
पक्कशोजाके लक्षण ... ___अथाष्टाविंशोऽध्यायः २८
वायुआदिसे पीडाआदिक होतेहैं ....
शोजापक्कहुये उपरांत तिसके अथशल्याहरणविधि अध्याय ...
____फाडनेकी रीति ... .... पांचप्रकारकी शल्यनकी गति ....
शोजाकच्चाही काटनेसे उपद्रव ... शल्य जाननेका प्रकार .... ....
अज्ञवैद्यनिंदा .... ..... त्वचामें प्राप्तभये शल्यके लक्षण .... काटनमेंमद्यपरोगीको मद्यप्राशन .... मांसमें प्राप्तभये शल्यके लक्षण
मद्यप्राशनमें अनर्हरोगी .... .... पेशीमें प्राप्तभये शल्य के लक्षण
शस्त्रकर्ममेवैद्यके प्रशंसायोग्यकर्म ... स्नायुगत शल्यके लक्षण ....
तिरछाछेदनके स्थान .... ... शिरागत शल्यके लक्षण ...
छेदनकियेपोछरोगीका आश्वासन .... स्रोतोगत शल्यलक्षण
छेदनके अनंत उपचार ... ... नाडीस्थशल्यलक्षण
छेदनके आदि शुभकर्म संधिगत शल्यलक्षण
तहां दिवाशयनका दोष अस्थिगत शल्यलक्षण
ब्रह्मचर्यसेवन .... .... कोष्ठगत शल्यलक्षण
भोजननियम ... .... मर्मगत शल्यलक्षण
अजीर्णके दोष ... .... शल्योंकी विशेषपरीक्षा .... ... त्याज्यपदार्थ ... .... शल्योंका स्वरूप .... .... २४० मद्यादिकोंका अतिसेवननिषेध अनुलोमप्रतिलोमभेदसे शल्यको निकासनका व्रणशोधनकी विधि ....
विधि .... .... ... ...." पाटितव्रणके उपचार ... छोतीआदिमेंके शल्य निकासवेके
व्रणसीमनेकी रीति .... विधि और रीति ... .... २४१ सीमनेके योग्यत्रण शयोंके उपद्रव .... .... .... २४३ पंदरप्रकारके बंध शल्योंको पाटनादियंत्रोंसे निकासना २४५ | बंधोंकी योजना ..
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