SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 157
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (९४) अष्टाङ्गहृदयेविशेषतासे दुर्बलके और मंदाग्निवालेके और मूत्रआदि वेगोंको धारनेवालेके वायुकरके पीडित और कफकरके रुद्ध ॥ १० ॥ अलसं क्षोभितं दोषैः शल्यत्वेनैव संस्थितम् ॥ । शुलादीन् कुरुते तीवांर्व्यतीसारवर्जितान् ॥११॥ और शरीरके भीतर अलसीभूत होके स्थित और दोषोंसे क्षोभितसा वह शल्यरूप करके स्थित हो छर्दि और अतिसार करके वर्जित तथा तीव्ररूप शूल आदि रोगोंको करता है ॥ ११ ॥ सोऽलसोऽत्यर्थदुष्टास्तु दोषा दुष्टामबद्धखाः ॥ यान्तस्तिर्यक्तनुं सवा दण्डवत् स्तम्भयन्ति चेत् ॥१२॥ तिसको अलसक जानो, अतिशय करके दुष्ट हुये और दुष्ट आमकरके बद्ध स्रोतोंवाले वे दोष तिरछे गमन करते हुये संपूर्ण शरीरको दंडकी तरह जब स्तंभित करते हैं ॥ १२॥ दण्डकालसकं नाम तं त्यजेदाशुकारिणम् ॥ निरुद्धाध्यशनाजीर्णशीलिनो विषलक्षणम् ॥ १३ ॥ तिसको दंडालसक कहते हैं यह शीघ्र मनुष्यको मारदेता है, इस रोगवालेको कुशल वैद्य त्यागे, और विरुद्ध अध्यशन-अजीर्णको सेवनेवाले मनुष्यके विषलक्षण अर्थात् लालाआदि रोगोंसे संयुक्त ॥ ३॥ । आमदोषं महाघोर वर्जयेद्विषसंज्ञकम् ॥ विषरूपाशुकारित्वाद्विरुद्धोपक्रमत्वतः ॥ १४ ॥ अति कष्टरूप आमदोष उपजताहै, परंतु विपसंज्ञक यह आमदोष वैद्यको वर्जना योग्य है विषके सदृश स्वरूपपनेंसे और शीघ्रताकोरीपनेस और विरुद्रूप उपक्रमपनेसे इसमें शीतल चिकित्सा योग्य है ॥ १४ ॥ अथाममलसीभूतं साध्यं त्वरितमुल्लिखेत् ॥ पीत्वा सोनापटुफलं वायुष्णं योजयेत्ततः॥१५॥ जो अलसीभूत आमदोष साध्य हो तो शीघ्र उद्वमन करावै, पीछे वच-नक-मैन फलसे संयुक्त गरम पानीको पिवाकर वमन करावे ॥ १५ ॥ स्वेदन फलवर्ति च मलवातानुलोमनीम् ॥ नाम्यमानानि चांगानि भृशं स्विन्नानि वेष्टयेत् ॥ १६ ॥ पीछे स्वेदन और मल तथा वातको अनुलोमन करनेवाली फलवर्तिको योजित करे और नाम्यमान अंगोंको अतिस्वेदित कर वस्त्रादिसे ढकदे ॥ १६ ॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020074
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKhemraj Krishnadas
Publication Year1829
Total Pages1117
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy