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एसीट एनीलाइडम
इसके वर्णरहित, निर्गन्ध चमकदार और पर्तदार कण होते हैं, जिनका स्वाद किसी प्रकार तीव्र होता है । यह २३६.५ अंश फारनहाइट के ताप पर द्रवीभूत हो जाता है ।
पर्याय-ज्वर हरी, ज्वरारि, ज्वरघ्नी - (सं०, हिं० ) । ऐस्टिफेत्रीन Antifebrin, फेनिल एसीट एमाइड Phenylacetamide, एसीटअनीलाइड Acetanilide - ( श्रं० ) ।
नोट - ऐण्टिफेब्रिन संज्ञा दो शब्दों ऐरिट = विरोधी + फेब्रीन का जो यूनानी शब्द फेब्रिस अर्थात् ज्वर से 'व्युत्पन्न है, यौगिक । अस्तु, ऐरिटीन का श्रर्थ ज्वरघ्नी हुश्रा ।
ऑफिशल (Official) अर्थात्
सम्मत
रासायनिक सूत्र (Cg Hg NO.)
इतिहास — जर्मन देश निवासी डाक्टर चरहर्ड महाशय ने सन् १८५३ ई० में रासायनिक विधि से उन श्रौषध को प्रस्तुत किया और इसका नाम एसीट- श्रनीलाइड रखा । पर इसके उपरांत डाक्टर काहन प्रभृति ने इसके विशद गुण-धर्म का अन्वेपण कर इसका नाम एरिट-फेजीन रख दिया और तब से यह इसी नाम से सुप्रसिद्ध हो गया । सन् १८६० ई० में इसे ब्रिटिश फार्माकोपिया में सम्मि लित कर लिया गया ।
१८०७
विलेयता - एक भाग ऐस्टिफेत्रीन ११० भाग शीतल जल में, एक भाग १६ भाग खौलते हुये पानी में, एक भाग ४ भाग रेक्टीफाइड स्पिरिट (मद्यसार ) में तथा ईथर, बेंज़ोल और क्रोरोफार्म में सुगमतापूर्वक घुल जाता है ।
मिश्रण वा खोट - एसीटोन, फेनाजून और एनीलीन के लवण इत्यादि ।
प्रभाव — ज्वरधन और वेदनास्थापक । मात्रा-२ से १ ग्रेन (१२ से ३० सेण्टिग्राम) नोट - इसे चार-चार घंटे के उपरान्त उस समय तक दे सकते हैं, जब तक कि इसके प्रभाव प्रगट न हों । किन्तु इसे ५ ग्रेन से अधिक मात्रा और दिन रात में २० ग्रेन से अधिक कदापि
न दें।
एसीट एनीला इडम्
प्रयोग विधि—इसको कीचट्स में डालकर या किंचिद् ब्राण्डी या शराब में विलीन कर और उसमें थोड़ा जल मिश्रित कर व्यवहार में लाएँ । अथवा थोड़ा सा कतीरे का चूर्ण पानी में डाल कर और उसमें इसको मिलाकर दें ।
प्रभाव तथा उपयोग — गुणधर्म तथा प्रभाव ऐटीन फेनानम् (['henazonum) और फेनेसेटीनम् (Phenacetinum ) के समान है। इसलिये उक्त औषधश्रय के प्रभाव
दि का एक ही जगह "फ्रेनाजुनम्" के अन्तर्गत विशद उल्लेख किया गया है । अस्तु, वहाँ ही देखें | इसके उपयोग से श्रद्धविभेदक नामक शिरःशूल दूर होता है ।
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नोट- श्राजकल ज्वर उतारने में इसका व्यवहार नहीं होता | क्योंकि इसके उपयोग से परिणाम भयंकर होकर मृत्यु हो जाती है। नॉट ऑफिशल प्रिपेयरेशञ्ज तथा पेटेन्ट औषधें (Not Official Preparations) (१) एमोनोल Ammonol - एमोनिएटेड फेनिल एसीट एमाइड AmmoniatedPhenyl-acetamide - (श्रं०)। एक श्वेत वर्ण का चूर्ण जो जल में अल्प विलेय होता है । इसमें एण्टिफेत्रीन, सोडियम कार्बोनेट और श्रमो - नियम कार्बोनेट तीनों समभाग होते हैं ।
मात्रा - ५ से २० ग्रेन = २ ॥ से १० रत्ती= ( ३२ से १·३० ग्राम )
उपयोग - इसे कष्टार्त्तव ( Dysmenorrhoea) रोग में देते हैं ।
(२) पल्विस एसीट - एनीला इडाई कम्पोज़िटस Pulvis Acet-anil id Compo situs -— यह ऐस्टिफेझीन का एक यौगिक चूर्ण है, जो कि ब्रिटिश फार्माकोपिया के परिशिष्ट में भी समाविष्ट है।
नोट - ऐरिटकामनिया Antikamnia जो अमेरिका की एक प्रसिद्ध औषध है, कहते हैं कि वह वस्तुतः ऐस्टिबीन का उपर्युक्त यौगिक चूर्ण ही है, जिसमें ७ भाग ऐस्टिफेबीन, एक भाग फीन और २ भाग बाईकार्बोनेट श्राफ सोडियम् होता है।