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एसिडम् साइट्रिकम्
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एसिडम हाइपो क्लोरोसम् जिसमें गन्धक के वाष्प उस पर भली भांति प्रभाव | एसिडम्-सैलिसिलिकम्-[ ले. acidum-sali कर सकें। क्योंकि सूखे फर्श पर उनका पूर्ण प्रभाव _cylicum ] एक प्रकार का अम्ल । दे. "वेत. नहीं होता।
साम्ल"। (४) धातु के बरतन श्रादि प्रथम तो कमरे एसिडम्-स्क्लोरोटिकम्-[ ले० acidum-scleसे बाहर निकाल लेने चाहिए, क्योंकि गन्धक के roticum ] एक प्रकार का प्रभावात्मक सार वाप से वे कृष्ण वर्ण के हो जाया करते है और जो अगट से प्राप्त होता है। यदि वहीं रहने देना हो, तो उनपर कोई तेल आदि एसिडम-हाइडियाडिकम्-[ ले acidum hidrioमल देना चाहिए।
dicum ] दे॰ “हाइद्रियाडिक एसिड" । (५)रंगीन पर्दे या वस्त्र प्रभृति कमरे से बाहर
हर एसिडम्-हाइड्रियाडिकम्-डायलुटम्-[लेvacidumनिकाल लेने चाहिये, क्यों कि गंधक के वाष से
_bidriodicum-dilutam ] डाइल्युटेडउनपर धब्बे पड़ जाते हैं। परंतु जो वस्त्र मलिन
gigfegifex gfat Diluted hidriodic या कृतदार हों और उन्हें गन्धक वाप द्वारा शुद्ध _acil. (अं०)। वि० दे० “हाइडियाडिक करना हो, तो उन्हें कमरे में किसो रस्सो प्रभृति पर एसिड"। डाल कर फैला देना चाहिये।
एसिडम्-हाइड्रोक्लोरिकम्- ले. acidum byदेह को खूब मलकर उपण जल से स्नान करने _drochloricum ] एक प्रकार का अम्ल के उपरांत यदि गंधक की धूनी दी जाय, तो जो साधारण लवण पर गन्धकाम्न की क्रिया से स्केबीज अर्थात् तर खाज बहुत शीघ्र आराम हो प्राप्त होता है। लवणाम्ल । उदहरिकाम्न । जाती है। इस अम्ल को समभाग ग्लोसरीन में नमक का तेज़ाब। Hydrochloric acid मिलाकर या १ आँस पानी में २ डाम तेज़ाब दे. "लवणाम्ल"। मिलाकर इसे रिंगवर्म (दद्र ) फाउल अल्सर | एसिडम-हाइड्रोक्लोरिकम-डायल्युटम्-[ले०१cidum (दुष्ट व्रण) और क्लोाजमा (व्यङ्ग) प्रभृति liydrochloricum-dilutum ] जल पर लगाने से बहुत लाभ होता है।
मिश्रित लवणाम्ल । (आभ्यन्तर)
एसिडम्-हाइड्रो-फ्लोरिकम्-[ ले० acidum-byगैंग्रीनस स्टोमेटायटिस (मुख पाक ) और dro-floricum ] उदफ्लोरिकाम्ल । दे० डिफ्धेरिटिक :अल्सर्ज़ ( रोहिणीजन्य व्रण ) में इसका दवापाश यन्त्र (Spray) द्वारा विकृत एसिडम्-हाइड्रोनोमिकम्-[ले० acidum-hydro स्थल पर छिड़कने से लाभ होता है। इसका bromicum ] उदबोमिकाम्ल । वि० दे०
आमाशय पर भी वैसा ही पचन-निवारक 'ब्रोमीन"। (antiseptic ) प्रभाव होता है जैसा कि एसिडम-हाइड्रोस्यानिकम्-[ ले. acidom-hyत्वचा पर। इसलिये फमैटेटिव डिस्पेसिया (ख़मीर drocyanicuin ] हाइड्रोस्यानिकाम्ल । हाइजनित अजीर्ण) और पाइरोसिस (एक प्रकार डोस्यानिक एसिड। का अजीणं जिससे मुख में पानी भर आता है एसिडम्-हाइड्रोस्यानिकम्-डायल्युटम्-[ ले. aciओर प्रानाशय में शूल हुआ करता है ) में देने dum-hydrocyanicum-dilutum ] से किसी किसी के मत से लाभ होता है। जलमित्रित हाइड्रोस्यानिक एसिड । दे. "हाइड्रोवमन रोकने के लिए इसे पानी में मिलाकर और स्यानिकाम्ल"। शांत्रिक सन्निपातज्वर (टायफाइड) में श्रान्त्र- एसिडम्-हाइपोक्लोरोसम्-[ ले० acidum-hypoशोधक रूप से दिया करते हैं।
_chlorosum ] एक डाक्टरी औषध । दे० सिडम्-साइट्रिकम्-[ले. acidum-eitricum] “युसोल Busol" तथा "सोडी क्लोरिनेटी लाइ. निकाम्ल, नीबू का तेज़ाब । दे० "नीबू"। । कर"।
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