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कल्पषिटप
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" - स्बादनूता + रत्ती । अफीम शुद्ध ३६ रत्ती। सबको दूध में नीचे स्थित है। इसीलिये इसका नाम कल्ब पड़ा, पीसकर १-१ रत्ती प्रमाण की गोलियां बनाए । वि० दे० हृदय ।
गुण तथा उपयोग विधि-इसे दूध के साथ (२) उलटा (३) मध्य । दरम्य सेवन करने और अाहार पान प्रादि में केवल दूध बुद्धि । अबल्ल । निर्द। ही देने से और लवण तथा जल वर्जित करने से कल्ब-अ.][ बहु० किलाब, अकालीब, अकलक] पुरातन संग्रहणी, दुस्साध्य शोथ, पुराना ज्वर [स्त्री० कल्बः ] कुत्ता । कुक्कुर । सग (मा.)
और पाण्डु नष्ट होता है। ( भैष० र० ग्रहणी कल्ब कलिब-[अ०] पागल कुत्ता। बावला कुत्ता । चि०)।
सगे दीवानः (का०)। कल्बुल कलिब (१०) कल्पविटप-संज्ञा पुं॰ [सं०] कल्पवृक्ष ।
Mad Dog. कल्पवृक्ष-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] (१) बहेड़े का | कल्बजनः, कल्बज़फ़र- यू०, सिरि० ] सुरंजान ।
पेड़ । (२) पुराणानुसार देवलोक का एक वृक्ष | कल्बंद-[ ते० ] ग्वारपाठा । घीकार । जो समुद्र मथने के समय समुद्र से निकला हुआ कल्बद नारदीन-[?] कायफल । और चौहद रत्नों में माना जाता है। श्रम०। कल्बतान-[अ०] (१)चिमटा। अंबर । भबूर । रत्ना०।
जंबूर । (२) दांत उखाड़ने की चिमटी। पर्या-कल्पद् (म)। कल्पतरु । सुरतरु । Tooth forceps. कल्पलता, देवतरु, कल्पमहीरुह; कल्पलतिका । | कल्ब तहरी-[१०] प्राबी कुत्ता । जल का कुत्ता।
संज्ञा पु. [ देश० अजमेर सं० पु.] एक सग प्रावी। वृक्ष जिसे गोरख इमली भी कहते हैं । वि० दे० कल्ब बर्रा-[१०] गीदड़ । । ___"गोरख इमली"।
कल्ब बहरी, कल्ब माई-[१०] जलीय कुक्कुर । भाबी. कल्पा-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री.] (1) सफ़ेद चमेली। कुत्ता । सगे भाबी ।
श्वेत जाती । (२) मद्य । मदिरा। वै० निघ० | कल्बसू, कल्बासू-[.] छिपकली । चलकल्पाङ्क-संज्ञा पुं० [सं० पु.] पर्पट।
पासः । कल्पाङ्गी-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री.] पर्पट । धन्व० कल्या-[जंद ] कुत्ता। नि० । पर्पटक।
कल्बा-[सिरि० ] ख़ा। कल्पान्त-संज्ञा पुं० [सं० पु.] प्रलय । कयामत । कल्बाद अकंदना-[सिरि० ] अंजदान के पत्ते । श्रम०।
कल्बाद अकबनी-[सिरि० ] पाड़ के पत्ते । कल्पासी-[ देश• मदरास ] छड़ीला ।
कल्बाद अतरूआ-[सिरि०] तुरंज के पत्ते । कल्पित-संज्ञा पुं० [सं० पु.] सवारी के लिये | कल्बाद असिया-[सिरि०] पास के पत्ते। सजाई हुई हाथो । मे।
कल्बाद कुनार-[सिरि०] बेर के पत्ते । कल्क-[सिरि०] (१) छिलका । (२) रअयुल् | कुल्बाद कु बार-[ सिरि० ] कबर के पत्ते । इब्ल ।
कल्बाद कौजी-[ सिरि० ] अखरोट के पत्ते । कल्फतलस-[यू.] ताँबे की मैन ।
कल्बाद खिलाफ़-[ सिरि०, रु. ] बेद सादा के - कल्कदमियून-[ यू० ] हड़ताल की टिकियाँ ।
पत्ते । क़ब्लूल किया। कल्फह-[ देश०, बम्ब०] दालचीनी । कल्मानलस-[यू०] ताँबे की मैल |
कल्बाद जाकिनी-[ सिरि०] गार के पत्ते । कल्फत-[शामी ] शामी गंदना ।
कल्बाद जैता-[ सिरि० ] जैतून के पत्ते। . कल्ब-संज्ञा पुं० [अ०] (१) हृदय । दिल । | कल्बाद नीला-[सिरि० ] नीलके पत्ते । वस्मः । .
नोट-कल्ब का धात्वर्थ "उलटा" है। कल्बाद जासाकीलून, कफ़नाला-[ सिरि०] : सीना, में हृदय उलटा लटका हुआ है अर्थात् । आलू के पत्ते ।
उसकी जड़ ऊपर को और उसकी नोक वा शिखर | कल्बादनूता-[सिरि०] तूत के पत्ते। .