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एयरलाएंट
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एरण्डपाक
लता।
एयरलाण्ट-[अंo air pant] अकाशबेल । अमर | एरण्ड-खरबूजा-संज्ञा पुं० [सं० एरण्ड+हिं० खर
बूजा ] अण्ड खरबूजा। पपीता । रेड खरबूजा। एयर-बाथ-[अं० nir bath ] वायु-स्नान। दे० । एरण्ड-चिर्भिट-संज्ञा पु० [सं० पु.] अण्ड खर"पानी"।
बूजा । पपीता। एयर-लिकिड--[अं॰ air-liquid ] द्रव वायव्य । एरण्डज-संज्ञा पु. [सं० ली० ] रंडी का तेल । एयरोजेन-[अं॰ airogen ] एक प्रकार का हरापन एरण्ड तैल ।
लिये हुये, स्वादहीन अविलेय चूर्ण, जो अत्यन्त | एरण्ड-तैल-संज्ञा पुं॰ [सं० क्री० ] रंडी का तेल । प्रवल पचननिवारक है। यह प्रायडोफार्म की प्रति- राज । वा० टी० हेमा० । रा०नि० व० १५ । निधि स्वरूप व्यवहार में आता है।
अत्रि० १४ अ० । वि० दे० "रें"। एयरोलॉजी- अं० airology ] वायु-विज्ञान। एरण्ड-तैल-मू -संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] विधिएर(ड) पं०] भूटिया बादाम । लदाखी बादाम । मजीठ, नागरमोथा, धनियाँ, त्रिफला, वैजन्ती का एरक-संज्ञा पुं॰ [सं० की.] (1) रामबान । फा० फूल, होवेर, जंगली खजूर, वटका शुगा, हल्दी,
इं. ३ भ०। (२) एक प्रकार की घास । दारुहल्दी, नलिका ( पवारी) नाम की ओषधी होगला । वै० निघ० । दे. "एरका"। .
और केतकी-मूल प्रत्येक समान भाग । रेड़ी का एरका-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] (१) नागरमोथा ।
तेल १ प्रस्थ (६४ तोला) में दही और काँजी (२) एक प्रकार की घास जो जंगल में उत्पन्न एक-एक शाण (४ मा०) डालकर मन्द-मन्द अग्नि । होती है और जिसके पत्ते लम्बे होते हैं । रामबाण,
से विधिपूर्वक पाचन करें। भै० र० । मोथीतृण-हिं० । एरका-गु० । एरका, पाणलह्वला- | एरण्ड-द्वादशक-संज्ञा पु० [सं० ली.] बारह श्रोषमरा० । पुन-सिंधुतट । होगला-बं०। मोथीतृण- धियों का एक योग जिसमें एरण्ड प्रधान है(मरा०)। च० सू० ३ अ०।
एरण्ड के बीज, एररड-मूल, छोटी कटेली, बड़ी पर्या-गुन्द्रमूल, शिम्बी, गुन्द्रा, शर्रा । कटेली, गोखरू, मुद्गपर्णी, माषपर्णी, शालपर्णी, एड़कः, एड़काख्यः।
पृश्निपर्णी, सहदेवी, ईख की जड़ और सिंहपुच्छीTypha angusitfolia, Jinn.-ले।
इन्हें समान भाग ले क्वाथ बनाएँ। इसमें जवाखार (N. O. Typhacea)
का प्रक्षेदप डालकर पीने से पृथक्-पृथक् दोषों से उत्पत्तिस्थान-सिंधुतट ।
उत्पन्न त्रिदोषज शूल नष्ट होता है। वृ० यो० त. गुण-यह मधुर, स्निग्ध, विष्टम्भी, शीतल और
६४ त। भारी है । भा० पू० १ भ० मत्स्य व०। (२)
परण्ड-पत्रविटपा- ) संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री.] मजीठ । मञ्जिष्ठा ।
एरण्ड-पत्रिका- एरडने-दन्ती-[ का०] बड़ी दन्ती। वृहद्दन्ती।
छोटी दन्ती। हस्वदन्ती ।
एरण्डपत्री- एरडु-[ का० ] रन गुञ्जा । लाल घची।
) रा. नि० व०६। एरडु-आण्डल-[का०] लाल रेड़ । रक एरण्ड ।।
एरण्ड-पाक-संज्ञा पुं० [सं० पु.] अण्डो के पक्के एरण्ड-संज्ञा पु० [सं० पु.] रेंड। रेडी । भेरैण्ड बीजों की मींगी १ प्रस्थ (१६ पल)लेकर २ आढक गाछ-बं०। भा० पू०१ भ० गु००। राज० ।
(१२८पल) दूध में मन्दाग्नि पर पकाएँ ।खोवा हो
जाने पर उसे - पल घृत में भूनलें और पुनः एरण्डक संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] रेड़ । एरण्ड । पर्वत २ प्रस्थ (३२ पल) खाँड़ की चाशनी करके एरण्ड । पहाड़ी रेड । भरत० ।
मिलालें और इसमें सोंठ, मिर्च, पीपल, तेजपात, एरण्ड-ककड़ी-संज्ञा स्त्री० [सं० एरण्ड+हिं० ककड़ी] दालचीनी, नागकेशर, इलायची, पीपलामूल, एरण्ड कर्कटी । अंड ख़बूजा । पपीता ।
चीता, चव्य, सोवा, सौंफ, कचूर, बेलगिरी, अजएरण्ड-कर्कटी-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] अण्ड- वायन, सफेद जीरा, कालाजीरा, हल्दी, दारुहल्दी, खबूजा ! पपीता। विलायती रेंड ।
असगंध, खिरेटी, पाठा, हाऊबेर, बायविडंग,