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कदम
२००५
कदम्बपुष्प गन्ध
ए. कैम्पबेल-कठिन शिरःशूल रोगमें इसकी नीचे के भाग को क़दम (पैर ) और रान की जड़ छोटी कली गोल मिर्च के साथ पीसकर नाक में से लेकर टखने के जोड़ तक को रिज्ल कहते हैं। नस्य करते हैं।
| कदम गाछ-[बं०] कदम का पेड़ । .. अासाम में इसकी जड़ औषध रूप से ब्यव- कदमा-संज्ञा स्त्री० (पु.) [हिं० कदम ] एक प्रकार हार की जाती है । (इं० मे० प्लां.)
को मिठाई जो कदम के फल के आकार की बनती __ आर० एन० खोरी–केलिकदम्ब की छाल | है। वंगदेश के राढ़-अञ्चल में कदमा का प्रचुर , कडुई. वल्य एवं ज्वरघ्न है । सिंकोना को भाँति व्यवहार है। यह भी ज्वर, अजीर्ण, ग्रहणी एनं अग्निमांद्य रोग [ता० ] ढाकुर । में लाभकारी है। (मेटीरिया मेडिका आँफ | क़दमिया-यू.] अक्रोमिया । क़दीमिया । इण्डिया; खं० २, पृ. ३२५)
| कदमोठ-तापीला कनेर । भूमि कदम्ब
कदम्ब-संज्ञा पु० [सं० पु. (१) कदम । कदंब । भूमेः कदम्बकस्तितो वय:शीत: कदुःस्मृतः ।
शततारका । रा० नि. व०६ । भा० पू०१ वीर्यवृद्धि करश्चैव तुवरो विषशोथहा ॥ भ० । वै० नि। वि० दे० "कदम"। (२) पित्तं कृमींश्च सर्वाश्च मेहान्नाशयतीरितः । सरसों । सर्षप वृक्ष । मे०। (३) देवताड़क ।
(नि०र०)
देवताड़ वृक्ष । रत्ना० । - भूमि कदंब-कड़वा, वर्ण को उज्ज्वल करने- संज्ञा पुं॰ [सं० वी० । माक्षिक । शहद । वाला, शीतल, चरपरा, वीर्यवर्द्धक तथा कसेला
हेच.। (४) बलभद्र । बलीवर्द। साँड़ । है और बिष, सूजन, पित्त, कृमि और सर्व (५) समूह । मुण्ड । प्रकार के प्रमेह रोगों को दूर करनेवाला है।
कदम्बक-संज्ञा पुं० [सं० पु.] (१) कदम का राज कदम्ब
पेड़ | त्रिका । (२) हलदुआ । हरिद्र, वृक्ष । नीपस्तु चाम्लस्तुवरो मधुरः शीतलः स्मृतः । ___ रा०नि० व० ६ । (३) सरसों । सर्षप वृक्ष । विषं रक्तरुज पित्त कर्फ चैव विनाशयेत् ॥
५० मु० । हे० च० । (४) घोड़े के पैर का एक फलं तु मधुरं चास्यं शीतलं गुरु पित्तहृत् ।
प्रकार का रोग . अश्व के खुरतल में कदम के फूल रक्तदोषहरं प्रोक्तमृषिभिस्तत्वदर्शिभिः॥
जैसा उठनेवाला मांसाकुर कदम्बक कहलाता है। राजकदम-अम्ल, कषेला, मधुर, शीतल है
यह श्लेष्मा और शोणित से उत्पन्न होता है । तथा बिष, रुधिर विकार, पित्त और कफ को दूर |
(५) देवताड़ वृत। हरिद्रा । हलदी का पौधा । करता है । इसका फल मधुर, शीतल, भारी है। (७) दारुहरिद्रा । दारुहलदी।। तथा पित्त और रुधिर के दोषों को दूर |
कदम्बका-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री.] कलहंसी। राजकरता है।
हंसिनी । वै० निघ। [नेपा० ] सफेद अंड।
कदम्बचेट्ट-ते. ] कदम । क़दम-सज्ञा पुं० [अ० पु.] [ बहु. अक़दाम ] | कदम्बद-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] सरसों। सर्षप ।
(१) पैर । पग । पाँव । पद । (२) एक माप | श० च० । जो १ फुट वा तिहाई गज का होता है। (३) कदम्ब नि-स-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] कदम का घोड़े की एक चाल ।
गोंद । कदम्बबेष्टक । च० सू० ४ अ० । ___ नोट-अरबी शब्द कदम और अंगरेजी शब्द | कदम्ब पुष्प-संज्ञा पुं० [सं० पु.] हलदुश्रा। फुट दोनों का अर्थ है पाँव वा पाँव के बराबर की हरिद्रु वृक्ष । माप । परन्तु भारतवर्ष में कदम को माप साधार- संज्ञा पु० [सं० वी० ] कदम का फूल । यतः ५ फुट की मानी जाती है। .
कदंब कुसुम । क़दम और रिज्ल का अथांतर-टखने से | कदम्बपुष्प गन्ध-संज्ञा पुं० [सं० पुं०] कलम