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श्रीमान् बाबू जुगलकिशोर जी वड़वानी-सी० आई० लिखते हैं
आपका 'आयुर्वेदीय कोष' यह खंड भाग मिला । प्रथम खंड बहुत अच्छा निकला है ।ऐसे कोष के प्रकाशित करने पर आप बधाई के पात्र हैं । वैद्य लेखकों का परिश्रम शतमुख से सराहनीय है।"
श्रीमान् पं० आयुर्वेदाचार्य कृष्णप्रसाद जी त्रिवेदी बी. ए.
___ चाँद (सी० पी० ) से लिखते हैं"हमारे मित्रद्वय वैद्यराज, पुरुषसिंहों ने जो परिश्रम किया है और कर रहे हैं, इसके लिये केवल आयुर्वेद ही नहीं, अपितु हिन्दी भाषाविज्ञ समस्त संसार, उनका तथा प्रकाशक महोदय, सर्वमान्य चिकित्सक सैद्यराज पं० विश्वेश्वरदयालु जी का आभारी है । यह केवल 'आयुर्वेदीय कोष' ही नहीं, प्रत्युत 'आयुर्वेदी विश्व-कोष' कहलाने के योग्य है । यद्यपि 'आयुर्वेद' शब्द में इस व्यापक अर्थ का समावेश है तथा लेखकों ने प्रस्तावना में इसका स्पष्टीकरण भी किया है, तथा आधुनिक काल में यह शब्द एक प्रकार से योग रूढ़ अर्थ का ही बोध कराता है । जैसे यद्यपि पंकज' में कीचोत्पन्न समस्त वस्तुओं का समावेश है, तथापि सर्वसाधारणत: 'कमल' के ही अर्थ में उसका उपयोग किया जाता है। तद्वत् 'आयुर्वेद से यद्यपि संसार की सन औषध प्रणालियों का बोध व्यापक अर्थ में होता है, तथापि आर्यों की वेदोक्त प्राचीन निदान एवं चिकित्सा-प्रणाली का ही बोधक है।
इसके अतिरिक्त इस ग्रंथ में अकल अकलंक, अकाम, अकुलीन, अखिल, अकुशल इत्यादि कतिपय सर्व साधारण शब्दों का भी अर्थ दिया गया है । इसीसे इस ग्रंथरत्न को केवल 'आयुर्वेदीय कोष' के नाम से पुकारना, उसकी कीमत को घटाना है। अब आगे इस ग्रंथ को 'आयुर्वेदीय विश्व-कोष' इस नाम से प्रसिद्ध करने से इसका विशेष महत्व एवं प्रचार होगा, ऐसी मेरी विनीत सूचना है।
बैद्यभूषण श्री हरिनन्दन शर्मा, फलौदी ( मारवाड़ ) से लिखते हैं
आपका “कोष" प्राप्त हुआ, धन्यवाद ! इसकी जितनी प्रशंसा की जाय- थोड़ी है। आयुर्वेद क्षेत्र में एक बड़ी पूर्ति हुई है । अभी तक कोई कोष ऐसा नहीं था, जो डाक्टरी व यूनानी तथा अन्य भाषाओं की वैद्यकीय औषधियों के पर्याय गुणादि को प्रगट करें।
हमारे शरीर की रचना के यशस्वी लेखक स्वर्गीय डा० त्रिलोकीनाथ जी वर्मा L M.S. सिविलसर्जन जौनपुर, लिखते हैं
निस्संदेह आपका कोष' एक अत्यन्त उपयोगी ग्रन्थ है। प्रत्येक चिकित्सा प्रेमी को इस से लाभ उठाना चाहिये।”
ग्रंथ के इस तृतीय खंड में 'क' वर्ण से प्रारम्भ होने वाले प्रायः सब शब्दों का अर्थ बड़ी गवेषणापूर्ण दृष्टि से लिखा गया है।